Rajasthan Politics: उपचुनाव से पहले बीजेपी के नए प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की वसुंधरा राजे से मुलाकात, रूठों को मनाने की कोशिश!
Rajasthan Politics: उपचुनाव से पहले बीजेपी के नए प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने वसुंधरा राजे से मुलाकात की. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने रूठों को मनाने की कोशिश की है. साथ ही वह मिशन यूनिटी पर कार्य कर रहे हैं.
Rajasthan Politics: पदभार ग्रहण करते ही बीजेपी के नए प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore)ने ‘मिशन यूनिटी’ पर कार्य करना शुरू कर दिया है. मदन राठौड़ का विजन साफ नजर आ रहा कि वह सभी को साथ लेकर चलेंगे.
मदन राठौड़ और वसुंधरा राजे की मुलाकात के मायने
शनिवार को मदन राठौड़ ने पदभार ग्रहण किया जिसके बाद रविवार को उन्होंने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मुलाकात की. चर्चा है कि इस दौरान उन्होंने पार्टी के 'असंतुष्ट धड़े' को साधने की कोशिश की है. मदन राठौड़ मुलाकात के बाद पार्टी संगठन की बैठकों में व्यस्त दिखाई दिए. इस दौरान 'कांटों भरा ताज' राठौड़ ने प्रदेशाध्यक्ष पद को बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि वह अहंकार को कभी स्वयं पर हावी नहीं होने देंगे.
मदन राठौड़ के पदभार ग्रहण समारोह में कहा कि उन्हें कभी ना तो पद का मोह रहा है ना ही उन्हें कभी कद की चिंता रही है. वह पार्टी में अपने जिम्मेदारियों को पूरी करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा इसी वजह से ‘मद’ को खुद पर उन्होंने कभी हावी नहीं होने दिया.
उन्होंने कहा,''मेरे नाम में ‘मद’ के बाद ‘न’ आता है. इसलिए अहंकार कहीं दूर दूर तक मेरे पास नहीं रह सकता''. वसुंधरा राजे के साथ मदन राठौड़ ने 2 घंटों तक लंबी मंत्रणा की थी. उनका कहना है कि सभी को साथ लेकर चलने की उनकी कोशिश है.
2 बार विधायक रह चुके हैं राठौड़
बता दें कि मदन राठौड़ 2 बार के विधायक रहने के बाद वर्तमान में राज्यसभा के सासंद हैं. हालांकि एक समय वो भी था जब पाटी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में सुमेरपुर से टिकट तक देने से मना कर दिया था. इसी वजह से वह नाराज हो गए थे और उन्होंने बागी होकर चुनाव लड़ने तक का फैसला कर लिया था. हालांकिशीर्ष नेतृत्व ने उन्हें आश्वासन दिया जिसके बाद उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिये थे. अब आलाकमान उन पर मेहरबान होता नजर आ रहा है क्योंकि पहले उनको राज्यसभा भिजवाया और फिर उन्हें राजस्थान बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
राजस्थान में 5 सीटों पर उपचुनाव
सियासी गलियारों में चर्चा है कि पार्टी में गुटबाजी को लेकर राठौड़ की कड़ी परीक्षा होगी. साथ ही राजस्थान में होने वाले 5 सीटों के उपचुनाव में भी उनको खुद को साबित करना होगा. अगर बीजेपी राजस्थान में मदन राठौड़ के नेतृत्व में 5 सीटों को साधने में सफल रहती है तो मदन राठौड़ खुद को साबित करने में सफल हो सकते हैं.