Jaipur: एमएसएमई को 15 दिन और अधिकतम 45 दिन में भुगतान करने का विरोध जताया. भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के प्रतिनिधिमण्डल ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नाम सांसद रामचरण बोहरा को ज्ञापन सौंपा है., 


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प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व बीयूवीएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया है कि आयकर कानून की धारा 43बी (एच) में प्रावधान किया गया है कि एमएसएमई को भुगतान 15 दिन और 45 दिन में किया जाएं.,, अन्यथा इस राशि को आयकर में जोड़कर आयकर वसूल किया जाएगा. 


प्रावधान के कारण माइक्रो तथा स्माल इंडस्ट्री संकट पर संकट के बादल छा गए  हैं., बड़ी कंपनियों ने बड़ी कंपनियों से ही माल लेना चालू कर दिया है., यदि कपड़ा उद्योग और ऊन उद्योग की बात करें तो कच्चे माल से पक्का माल तैयार होने तक तकरीबन 180 दिन लग जाते हैं.,,


रॉ मैटेरियल सप्लायर और जॉब वर्कर को इसी अनुसार भुगतान दिया जाता है., रॉ मैटेरियल सप्लायर और एन्सलरी उद्योग को 15 दिन और 45 दिन में भुगतान करना होगा. इससे कपड़ा उद्योग, ऊन उद्योग और ज्वैलरी उद्योग संकट में आ गए है. मनी सर्कुलेशन गड़बड़ा जाएगा. ज्ञापन के दौरान प्रतिनिधिमण्डल में बीयूवीएम राजस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश सैनी और संजय कूलवाल शामिल हुए.,