Jaipur: किसानों ने 19 दिसम्बर को नई दिल्ली में होने वाली गर्जना रैली के लिए कमर कस ली है. भारतीय किसान संघ ने किसानों के साथ बैठककर रैली को सफल बनाने की रणनीति शुरू कर दी है. संघ की मंगलवार को हुई जयपुर जिला कार्यकारिणी की बैठक में ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंच बनाने की चर्चा हुई. जनजागरण के दौरान किसानों को एमएसपी और लाभकारी मूल्य के अंतर के बारे में बताया जाएगा.


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भारतीय किसान संघ कार्यालय में मंगलवार को हुई बैठक में संघ के प्रान्त महामंत्री डॉ सांवरमल सोलेट ने कहा है कि किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और कृषि को लाभदायक बनाने के लिए केन्द्र सरकार को महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे. लाभकारी मूल्य लागू होने पर 30 रुपए किलो गेहूं की कीमत मिलने से ही किसान का परिवार चल सकेगा. 1970 में ढाई गेहूं की बोरी में एक तौला सोना मिलता था. लेकिन वर्तमान में सोने की कीमत 50 हजार रुपए पार कर गई है. किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है. किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए 19 दिसम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान पर गर्जना रैली का आयोजन किया गया है.


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आन्दोलन के लिए गांव-गांव में पर्चे बांटे जाएंगे और दीवार लेखन, पदयात्रा, पोस्टर के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया गया है. तहसील स्तर पर जनजागरण के लिए पम्पलेट भेज दिए गए हैं. बैठक में तय किया गया किसानों को समर्थन मूल्य की जगह फसल का लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए. समर्थन मूल्य की तुलना में कई बार फसल के लिए ज्यादा खर्च हो जाता है. ऐसे में किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए. केंद्र सरकार समर्थन मूल्य के बजाय लाभकारी मूल्य घोषित करें. प्रदर्शन के जरिए सरकार पर दबाव डाला जाएगा. आंदोलन को सफल बनाने के लिए जगह जगह मोटरसाइकिल रैली निकालकर जागरुकता फैलाई जाएगी.