केंद्र सरकार ने नीरज के पवन के खिलाफ मुकदमे के लिए दी मंजूरी, जानिए पूरा मामला
Rajasthan News: प्रदेश के सबसे छोटे संभाग के पहले संभागी आयुक्त के रूप में डॉ नीरज के पवन ने प्रतापगढ़ में रह चुके हैं. डॉ नीरज के पवन कई बार विवादों में भी रह चुके है.
Rajasthan News: हेल्थ मिशन में फर्जी भर्ती मामले में आईएएस नीरज के. पवन पर मुकदमा चलेगा. केंद्र सरकार ने नीरज के. पवन के खिलाफ मुकदमे के लिए मंजूरी दे दी है. नीरज के. पवन फिलहाल बांसवाड़ा में संभागीय आयुक्त पद पर तैनात हैं.
नीरज के. पवन पर विज्ञापन और प्रचार सामग्री को लेकर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं. केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद नीरज के. पवन की मुश्किलें बढ़ गई हैं. साल 2014-15 में भर्तियों से जुड़ा मामला है. केंद्र के पास 2017 से अभियोजन मंजूरी का मामला लंबित था. इससे पहले भ्रष्टाचार के मामले में नीरज के. पवन गिरफ्तार भी हो चुके हैं.
बता दें कि प्रदेश के सबसे छोटे संभाग के पहले संभागी आयुक्त के रूप में डॉ नीरज के पवन ने प्रतापगढ़ में रह चुके हैं. डॉ नीरज के पवन कई बार विवादों में भी रह चुके है. हालांकि डॉ नीरज के पवन सबसे अधिक लोकप्रिय कलेक्टर की श्रेणी में रहे है. कई बार उनके ट्रांसफर होने पर लोगों द्वारा कई जिलों में प्रदर्शन भी किया गया है.
डॉ. नीरज के पवन इससे पहले बांसवाड़ा संभाग के डूंगरपुर के जिला कलेक्टर रह चुके हैं. ऐसे में आदिवासी बहुल नवगठित बांसवाड़ा संभाग को वे भलीभांति जानते है. ऐसे संभागीय आयुक्त बनने पर उन्हें उनका पुराना अनुभव मदद करेगा.
नीरज के पवन अंडर ट्रेनी मसूरी में 2003 में रहने के बाद 2004 में असिस्टेंट कलेक्टर पाली में उन्हें पहली पोस्टिंग मिली इसके बाद निंबाड़ा और भरतपुर में बतौर एसडीएम कार्य किया और कलेक्टर के रूप पहली पोस्टिंग डूंगरपुर में 2007 में हुई.