Jaipur: राजस्थान में लाखों दिव्यांगजनों को अपनी दिव्यांगता का प्रमाण पत्र अब दो महीने में मिल पाएगा. जी राजस्थान न्यूज की खबर के बाद में सरकार ने दो महीने में ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश. अब सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग प्रमाण पत्र बनाने के लिए कैंप लगाएगा. सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. प्रमाण पत्र बनवाने आने वाले दिव्यांगजनों को लाने—ले जाने के लिए एबुलेंस और मोबाइल वैन की व्यवस्था की जाएगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजस्थान में 11 लाख 79 हजार दिव्यांगजनों ने ऑनलाइन प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है, जिसमें से अब तक महज 4 लाख 24 हजार 641 दिव्यांगजनों का ऑनलाइन प्रमाण पत्र मिल पाया है और 3 लाख 94 हजार को यूडीआईडी कार्ड मिल चुके हैं. जबकि 1 लाख 36 हजार से ज्यादा दिव्यांगजनों के आवेदन किसी ना किसी कमी के कारण रिजेक्ट हो गए हैं, लेकिन 3 लाख दिव्यांगजन ऐसे है,जिन्हे अपने प्रमाण पत्र का इतंजार है.


मंत्री टीकाराम ने निर्देश दिए हैं कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में पीएमओ,ब्लॉक सीएमएचओ और सीएमएचओ स्तर पर 2,52,201 मामले लंबित है. मेडिकल कॉलेज स्तर पर 47,746 आवेदन पैडिंग पड़ें हैं. आवेदनकर्ताओं का चिकित्सकीय परीक्षण कर आगामी 2 माह में नियमानुसार निःशक्तता प्रमाण पत्र और लंबित सिलिकोसिस प्रमाण पत्र जारी किए जाए. इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ऑन-लाईन पोर्टल पर प्रमाणीकरण से लम्बित आवेदनों की जिलेवार सूचिया एएनएम फील्ड स्टाफ को उपलब्ध करवाए और प्रमाण पत्र जारी करें.


राजस्थान में लाखों दिव्यांगजन ऐसे है जो सालों और महीने से परेशान हो रहे हैं. ऑलाइन प्रमाण पत्र नहीं बनने से वे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. ऐसे में अब सरकार इस मामले पर सख्त हो गई है.


यह भी पढ़ें: विकास जाखड़ के बाद अब सोनू और सुमित की भी तबियत बिगड़ी, प्रशासन ने उखाड़े टैंट और पोस्टर