Chanakya Niti :आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में बताई गई नीतियों का पालन करके लोग जीवन में कभी भी मात नहीं खा सकते हैं. चाणक्य ने कुछ ऐसे हालात के बारे में चर्चा की हैं जो किसी के लिए भी चाहे वो स्त्री हो या पुरुष बहुत ही कष्टकारी मानी गई हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Chanakya Niti : एक स्त्री में ये 4 बातें, पुरुषों से कहीं ज्यादा, जानें क्या कहता है नीति शास्त्र


दुराचारी दुरादृष्टिर्दुरावासी च दुर्जनः ।
यन्मैत्रीक्रियते पुम्भिर्नरःशीघ्रं विनश्यति ।।


आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जो लोग गलत लोगों के साथ गलत संगत में रहते हैं. बुरे काम करने वालों से दोस्ती करते हैं. ऐसे लोगों का बर्बाद होना तय है. उन्हें कोई भी नहीं बचा सकता है. लिहाजा संगत को लेकर लोगों को हमेशा सतर्क और गंभीर होना ही चाहिए.   


Chanakya Niti : ये काम अकेले ही करें वरना होगा नुकसान


कान्ता वियोगः स्वजनापमानि ।


चाणक्य नीति के अनुसार पत्नी का वियोग, अपनों से बेइज्जी, कर्ज, दुष्ट राजा की सेवा करना और गरीब और कमजोर लोगों की सभा में शामिल होना सबसे बड़ी कष्टकारी स्थिति होती है. ऐसे हालात में मनुष्य बिना आग के ही जलने के समान कष्ट पाता है.  


ऋणस्य शेषं कुनृपस्य सेवा ।।
कदरिद्रभावो विषमा सभा च ।
विनाग्निना ते प्रदहन्ति कायम् ।


Chanakya Niti: परिवार में आने वाले अनर्थ का आभास करा देते है ये संकेत, आप भी ध्यान से देखें


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस इंसान की पत्नी उसे छोड़कर चली जाए. उसका दर्द केवल वही समझ पाता है. जब किसी को अपने ही बेइज्जत कर दे तो ये कष्ट बहुत बड़ा होता है. ये ऐसा दर्द होता है जिसे जिदंगी भर वो भूल नहीं पाता. वहीं अगर किसी को दुष्ट राजा की सेवा करनी पड़े तो ये कष्ट भी नर्क समान होता है. 


Chanakya Niti : एक से बात, दूसरे से प्यार और तीसरे को याद करने वाला पार्टनर, जीते जी नर्क बना देता है जिंदगी