Zee News Anchor : रोहित रंजन को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार करने की कोशिश की है. यह प्रयास गलत तरीके से किया गया है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने सुबह साढ़े पांच बजे रोहित रंजन की सोसायटी के बाहर तैनात गार्डों के मोबाइल फोन छीन लिए और उन्हें बंधक बना लिया. इसके बाद रोहित रंजन के घर में घुस गए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उदयपुर प्रवास पर आई प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ज़ी न्यूज़ के एंकर रोहित रंजन को गिरफ्तार करने पहुंची छत्तीसगढ़ पुलिस टीम की कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. राजे ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम, यूपी पुलिस को बिना बताए कार्रवाई करने पहुंची जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है. 


वहीं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मामले को लेकर कहा  कि यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश पर हुई है. इसमें कोई आईपीसी या सीआरपीसी के नियमों का पालन नहीं किया गया है.


पुलिस जब राजनीतिक आकाओं के दबाव में आकर काम करने लगती है तो वो सारे नियम कायदे भूलती दिखती है. ऐसा हुआ आज सुबह साढ़े पांच बजे गाजियाबाद के इंदिरापुरम में, जहां छत्तीसगढ़ पुलिस के करीब 15 पुलिसकर्मियों ने बिना वर्दी  ज़ी न्यूज के एंकर रोहित रंजन के घर में घुसने की कोशिश की. छत्तीसगढ़ पुलिस ने रोहित रंजन की सोसायटी के गेट पर तैनात गार्डों को बंधक बना लिया और उनके मोबाइल फोन छीन लिए गये. छत्तीसगढ़ पुलिस ने ये सबकुछ गाजियाबाद पुलिस को बिना कोई सूचना दिए अंजाम दिया.


सोसायटी के गेट पर तैनात एक गार्ड ने बताया कि जब हमने तीन गाड़ियों में आए लोगों से सवाल किया तो उन्होंने हमें कुछ नहीं बताया और हमारे फोन छीन लिए. गाजियाबाद पुलिस को सूचना भी नहीं देने दी. इसके बाद ये हमें जबरन रोहित रंजन के घर पर लेकर गए और उनके घर में घुसने की कोशिश की. घर पर रोहित रंजन के भाई और उनके दो छोटे बच्चे थे.


किसी तरह इस मामले की जानकारी गाजियाबाद पुलिस को लगी, जिसके बाद मौके पर गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने की पुलिस पहुंच गई. छत्तीसगढ़ पुलिस के इस गलत एक्शन को लेकर गाजियाबाद पुलिस के एक अधिकारी की इन लोगों से जमकर बहस हुई. गाजियाबाद पुलिस ने जब  इन लोगों से वर्दी और थाने को सूचना नहीं देने का सवाल पर किया तो उनके पास कोई जवाब नहीं थी. 



इस मामले की Zee News Anchor रोहित रंजन की तरफ से ट्वीट कर जानकारी दी गई है. रोहित रंजन ने कहा कि बिना लोकल पुलिस को जानकारी दिए छत्तीसगढ़ पुलिस मेरे घर के बाहर मुझे अरेस्ट करने के लिए खड़ी है, क्या ये क़ानूनन सही है. रोहित के इस ट्वीट के जवाब में रायपुर पुलिस ने कहा कि सूचित करने के लिए ऐसा कोई नियम नहीं है. आपको वास्तव में सहयोग करना चाहिए, जांच में शामिल होना चाहिए और अपना बचाव अदालत में रखना चाहिए. गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले पर कहा कि प्रकरण स्थानीय पुलिस के संज्ञान में है, थाना इंदिरापुरम पुलिस मौके पर है, नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी.



इधर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने Zee News के पत्रकार रोहित रंजन को गिरफ्तार करने की कोशिश पर कहा कि कांग्रेस लोगों का दमन कर रही है और छत्तीसगढ़ पुलिस का गलत इस्तेमाल कर रही है. देश कानून से चलेगा. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'कांग्रेस बेशर्मी से राजस्थान और छत्तीसगढ़ पुलिस का इस्तेमाल कर रही है, केवल दो राज्य एनसीआर में काम करने वाले पत्रकारों पर टारगेट करने के लिए प्रासंगिक हैं. किसी की राय से असहमत, लेकिन उन्हें इस तरह डराना #इमरजेंसी की गंभीर याद दिलाता है. कांग्रेस लोकतंत्र पर धब्बा है.'


मामले पर पुलिस की ओर से लिखा गया, 'प्रकरण स्थानीय पुलिस के संज्ञान में है. इंदिरापुरम पुलिस मौके पर है. नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. छत्तीसगढ़ की पुलिस सुबह 6 बजे के करीब रोहित रंजन के घर पर पहुंची. छत्तीसगढ़ पुलिस के 10-15 सदस्य बिना वर्दी के रोहित रंजन को गिरफ्तार करने पहुंचे थे.


रोहित रंजन को अरेस्ट करने आई सीजी पुलिस ने सोसायटी के गार्ड के साथ भी बदतमीजी की गयी. जब गार्ड ने रोका तो उसका मोबाइल भी तोड़ दिया, गालीगलौज भी की. इसकी जानकारी गार्ड ने पुलिस को दी. पूरी तरह से गुंडागर्दी करते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस रोहित के घर तक पहुंची. उनके ड्राइंग रूम में घुसी और सामान तहत-नहस कर दिया. इसके बाद रोहित को घसीटकर ले जाने की कोशिश की गई. हालांकि यूपी पुलिस ने छत्तीसगढ़ की कार्यशैली पर सवाल उठाए.


अपने जिले की खबरों के लिये यहां क्लिक करें