मुख्यमंत्री ने पत्नी के साथ इंदिरा रसोई में खाना खाया, सुनीता गहलोत बोली, यह सक्सेसफुल योजना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर इंदिरा रसोई में भोजन कर चौंका दिया. मुख्यमंत्री ने गुरुवार दोपहर पत्नी सुनिता गहलोत के साथ जल महल इंदिरा रसोई में पहुंचकर खाना खाया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले कि मुझे अच्छा लगा, मेरी भावना व सपने के अनुरूप इंदिरा रसोई है.
जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर इंदिरा रसोई में भोजन कर चौंका दिया. मुख्यमंत्री ने गुरुवार दोपहर पत्नी सुनिता गहलोत के साथ जल महल इंदिरा रसोई में पहुंचकर खाना खाया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले कि मुझे अच्छा लगा, मेरी भावना व सपने के अनुरूप इंदिरा रसोई है. वहीं सुनिता गहलोत ने कहा कि रसोई में आठ रुपये में घर जैसा खाना मिलना बड़ी बात है. यह सरकार की सक्सेसफुल योजना है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार दोपहर करीब पौने दो बजे जल महल की पाल पर स्थित इंदिरा रसोई पहुंचे. गहलोत के साथ उनकी पत्नी सुनीता गहलोत भी थी. दोनों ने स्थानीय लोगों के साथ इंदिरा रसोई में भोजन किया. इस दौरान स्थानीय विधायक और जलदाय मंत्री महेश जोशी, उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, हैरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर, अधिकारी और स्थानीय कार्यकर्ता मौजूद थे. मुख्यमंत्री गहलोत ने इंदिरा रसोई में काम कर रहे कर्मचारियों और प्रबंधकों तथा खाना खा रहे लोगों से भी बातचीत की. मुख्यमंत्री गहलोत को आज रसोई में चपाती, आलू की सूखी सब्जी, मंगोड़ी, दाल और रही परोसा गया. खाना खाने के बाद गहलोत व उनकी पत्नी ने इंदिरा रसोई के खाने की क्वालिटी की सराहना की.
रसोई में घर जैसा खाना- सुनीता गहलोत
मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता गहलोत ने इंदिरा रसोई में बने खाने की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार की यह योजना बहुत अच्छी है. आठ रुपए में पेटभर खाना मिलता है. खाना भी अच्छी क्वालिटी का घर जैसा मिलता है. सरकार की यह योजना सफल है, खाने में कहीं कोई कमी नहीं है. सरकार की इस योजना से हर भूखे को खाना मिल रहा है, इससे अच्छी बात नहीं हो सकती है. इस तरह की योजनाएं चलती रहनी चाहिए.
बहुत ही स्वादिष्ट खाना, मेरी भावना- सपने के अनुरूप - गहलोत
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इंदिरा रसोई में बहुत ही अच्छा स्वादिष्ट भोजन था, खाना खिलाने वालों का अच्छा व्यवहार और साफ सफाई थी. मैने खाना खाने वालों से पूछा कि खाना खिलाने वालों का अच्छा व्यवहार है या नहीं, खाना कैसे खिलाते हैं - मुस्कुराकर खिलाते हैँ या मुंह चढ़कार खिलाते हैं. इस पर बोले, आप जैसे मुस्कुराते है वैसे ही मुस्कुराकर खिलाते हैं . यह सुनकर मुझे अच्छा लगा, मेरा जो सपना है जो मेरी भावना है उसी के अनुरूप जलमहल की इंदिरा रसाई है. सब्जियां ऑर्गेनिक सब्जियां है, प्रबंधकों की गोशाला है. आर्गेनिक की सब्जियां खिलाना बड़ी बात है गरीब के लिए जो भी संभव हो हरेक को करना चाहिए. हमने तय किया था कोरोनाकाल में कोई भूखा नहीं सोए और कोई भूखा नहीं सोया . सबने मदद की, उस वक्त खाना पहुंचाने में भी डर लगता था, लेकिन सबने खाना पहुंचाया.
जनप्रतिनिधि खाना खाएंगे तो सम्मान महसूस करेंगे
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधि चाहे एमएलए, एमपी हो या मेयर पार्षद, सरपंच जब कभी मौका लगे महीने में एक बार इंदिर रसोई जाकर खाना खाए. इससे आम लोग का सम्मान बढ़ेगा . मैं खाना खाता हूं तो ये भी हमारे साथ खा रहे है, गरीब आदमी का यह सोचकर ही मान सम्मान बढ़ेगा. प्रत्येक व्यक्ति का मान सम्मान सुनिश्चित रहे. इससे खाने की क्वालिटी भी ठीक है या नहीं, यह मालूम पड़ता रहेगा. पहले सरकार 12 रूपए अनुदान देती थी, हमने 17 रुपए कर दिए.