Jaipur News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कर्मचारियों से वार्ता की. वार्ता में शामिल कर्मचारियों के 25 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान 15 सूत्री मांग पत्र रखा, जिसमें कई मांगों पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मकता दिखाई. इधर मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद कर्मचारी महासंघ ने एक मार्च से प्रस्तावित कर्मचारी हड़ताल को स्थगित कर दिया है.


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अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तले कर्मचारी आंदोलन करते आ रहे हैं. आंदोलन को देखते हुए सरकार से वार्ता के दौर भी चल रहे थे. मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंगलवार को मुख्य सचिव उषा शर्मा अध्यक्षता में कार्मिक और वित्त विभाग अधिकारियों के साथ वार्ता हुई जिसमें कई विषयों पर सकारात्मक चर्चा हुई. इस बीच मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर कर्मचारी प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया गया. दोपहर करीब एक बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संयुक्त महासंघ के 25 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की लगभग एक घंटे तक सकारात्मक वार्ता हुई.


 वार्ता में महासंघ के 15 सूत्री मांग पत्र की मुख्य मांगो पर विस्तार से चर्चा हुई. वार्ता के दौरान सीएम सचिव आरती डोगरा सहित कई अधिकारी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि आठ महत्त्व पूर्ण मांगो पर बहुत अधिक सकारात्मक रहते हुए , उपस्थित अधिकारियों को सकारात्मक निस्तारण के निर्देश दिए.


इन प्रमुख मांगो पर सीएम ने सकारात्मक रुख दिखाया –


मांग 1- मुख्यमंत्री गहलोत के इस वर्ष के बजट में 25 जनवरी 1992 की तर्ज पर एसीपी के स्थान पर चयनित वेतनमान देने की घोषणा का प्रतिनिधि मंडल ने आभार व्यक्त करते हुए 32 वर्ष की सेवा पर चतुर्थ पदोन्नति पद का वेतनमान देने की मांग की गई. इस पर सीएम ने महासंघ के साथ 8, 16 ,24 एवं 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान देने की पूर्व में हुई सिद्धांतत सहमति की पालना करवाने के अधिकारियों को निर्देश दिए.

मांग 2- महासंघ की मांग पर ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए मूल वेतन का 10 प्रतिशत ग्रामीण भत्ता स्वीकृत करने पर मुख्यमंत्री ने विशेष परीक्षण करने के निर्देश दिए.

मांग 3- प्रदेश के सहायक कर्मचारियों की सबसे महत्वपूर्ण मांग केंद्र के समान पदनाम एमटीएस घोषित करने पर भी सहमति बनी.

मांग-4 तीन संतान प्रकरणों से प्रभावित प्रदेश के कर्मचारियों को एक बारीय शिथिलन देने पर पूर्णतया सहमति बनी। मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही इसके नियम जारी करने के निर्देश दिए ।


मांग 5- विभिन्न सवर्गों के पद नाम परिवर्तन के लंबित प्रकरणों के निस्तारण पर भी गंभीरता से विचार करने के दिए निर्देश.


मांग 6 - विभिन्न विभागों के कर्मचारियों तथा वर्क चार्ज कर्मचारियों के पदोन्नति पदों का पुनर्गठन करना.


मांग 7 - विभिन्न संगठनों के आंदोलन के पश्चात हुई समझौतों को लागू करवाना.


मांग 8 - सेवानिवृत्त कार्मिकों को 80 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर की जाने वाली 20 प्रतिशत पेंशन वृद्धि के नियमों में संशोधन करते हुए 65 वर्ष 70 वर्ष 75 वर्ष एवं 80 वर्ष की सेवा पर 5 प्रतिशत पेंशन वृद्धि करने की सहमति बनी है.