Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारम्भ करने जा रहे हैं. इस योजना में अब शहरी क्षेत्रों में भी नागरिकों को रोजगार की गारंटी मिलेगी. गहलोत कल जयपुर में टनल चौराहा पर अम्बेडकर भवन में सुबह 11 बजे इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारम्भ करेंगे. यह शहरी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने की देश की सबसे बड़ी रोजगार योजना है. मुख्यमंत्री इससे पहले10.30 बजे योजना के तहत खानिया की बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्यक्रम का शुभारम्भ करेंगे. वे इस अवसर पर श्रमिकों से संवाद करेंगे और उन्हें औजार वितरण भी करेंगे. गौरतालब है कि देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए यूपीए सरकार के समय महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना (मनरेगा) शुरू की गई थी.


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इस योजना के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले और देशभर में बेरोजगारों को रोजगार के अवसर आसानी से सुलभ होने लगे, इससे उनके जीवन स्तर में भी काफी सुधार आया. कोरोना के दौरान जब रोजगार का संकट बढ़ा तो यह योजना वरदान साबित हुई. मुख्यमंत्री ने इसी को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों में भी मनरेगा की तर्ज पर रोजगार गारंटी योजना शुरू करने का ऎतिहासिक निर्णय लिया और इस वित्तीय वर्ष के बजट में इस योजना की घोषणा की. योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को आजीविका की दृष्टि से प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार ने लिए 800 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है.


राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान रोज़गार छिनने से जो परिवार कमज़ोर और असहाय हो गए हैं. उन्हें भी इस योजना से बड़ा संबल मिल सकेगा. योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से किया जाएगा. योजना के तहत जॉब कार्डधारी परिवार को 100 दिवस का गारंटीशुदा रोज़गार उपलब्ध करवा जाएगा. इसमें जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं. योजना में पंजीयन जन आधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है. एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है. जिन परिवारों के जन आधार कार्ड उपलब्ध नहीं हैं, वे ई-मित्र या नगरपालिका सेवा केंद्र पर जन आधार के लिए आवेदन कर उसके क्रमांक के आधार पर जॉब कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे. योजना में आवेदन ई-मित्र के माध्यम से निःशुल्क किया जा सकता है. आवेदन करने के पश्चात 15 दिन में रोज़गार उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है. पारिश्रमिक का भुगतान सीधे जॉब कार्डधारी के खाते में किया जाएगा. योजना के लिए राज्य सरकार ने एक वेब पोर्टल भी शुरू किया है. योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 2569 विभिन्न पदों पर कार्मिकों की नियुक्ति की जा चुकी है.



योजना में श्रम एवं सामग्री का अनुपात निकाय स्तर पर 75/25 में निर्धारित किया गया है. विशेष प्रकृति की तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत और तकनीकी विशेषज्ञों एवं कुशल श्रमिकों हेतु पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25/75 हो सकेगा. योजना में पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटेशन, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य, कन्वर्जेशन कार्य, हेरिटेज संरक्षण सहित अन्य कार्य कराए जा सकेंगे.


योजना में अब तक लगभग 2 लाख 25 हजार से अधिक जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं. इनके माध्यम से पंजीकृत सदस्यों की कुल संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है. समस्त 213 निकायों में 9 हजार 593 कार्य चिन्हित किए गए हैं और सभी नगरीय निकायों का बजट भी आवंटित कर दिया गया है. चिन्हित कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रूपए है. लगभग 6 हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है.


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