Jaipur News: देश की बुनियाद कहे जाने वाले हमारे नौनिहालों ने जयपुर में शनिवार को इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान में अन्तर्राष्ट्रीय बाल दिवस के मौके पर बाल पंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चों ने अपने अपने जिले की पंचायतों की समस्याएं प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा तक पहुंचाई. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कहते है बच्चे कल का भविष्य है,तभी तो मरूधरा की भूमि पर बच्चे कभी मंत्री बनते है,कभी विधायक की भूमिका में दिखाई देते है,लेकिन आज बच्चे गांव के मुखिया के रूप में नजर आए. बाल पंचायत मौके पर बच्चे अपने ही गांव के सरपंच के रूप में देखे गए. जहां बच्चों ने पंचायत में होने वाली समस्याओं से पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा को अवगत करवाया. 


इतना ही नहीं सरपंच बनकर बच्चे गांव का भविष्य कैसे संवार सकते है. इसे लेकर भी उन्होंने अपने मुद्दों को खुलकर सरकार के सामने रखा. इस आयोजन के बारे में पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा का कहना था कि इस तरह की पंचायते होना बहुत जरूरी है. अंतराष्ट्रीय बाल दिवस के मौके पर ये कार्यक्रम बच्चों को आगे बढ़ने का मौका देते है.


वहीं बच्चों ने भी इस सुनहरे अवसर को बड़ी ही सहज तरीके से हाथों हाथ लेते हुए पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा  के सामने  अपनी अपनी पंचायतों के जव्लंत मुद्दों को उठाने में पीछे नहीं हटे.  गांव के विकास के लिए सरपंच की कुर्सी पर बैठे इन बच्चों ने गांव में स्कूलों में कमी, बेकार सड़कें,सड़क लाइटे, पानी की समस्याएं जैसे मुद्दों को बड़े ही गंभीरता से उठाया. उठाते भी क्यों ना,क्योंकि आज तो उनके कंधों पर गांव के विकास का जिम्मा जो था.


बाल सरपंचों  की तरफ से  अपने गांव के मुद्दों को उन्होंने मंत्री के सामने रखे जिसपर मंत्री ने आश्वासन  भी दिया, लेकिन अब देखना यह है कि सरकार इन सरपंच बने बच्चो  को कितनी गंभीरता से लेगी.


यह भी पढ़ेंः 


Shraddha Aftab Murder Case: कसाई खाने में हत्यारे आफताब ने ली थी श्रद्धा के 35 टुकड़े करने की ट्रेनिंग, अब नार्को टेस्ट में उगलेगा मर्डर का सच


आखिर क्यों Kangana बोलीं कि 'मेरे पिता सुबह-शाम जय मोदी-योगी कहते हैं', कहीं ये तो नहीं है इरादा ?