चौमूं: गायों के मसीहा बने गौरक्षक मुकेश सोकिल, घायल- बीमार गाय की करते हैं सेवा
Chomu News: गौलीला गौ धाम गौशाला में काम कर रहे मुकेश के कामकाज को लेकर वन विभाग भी उन्हें सम्मानित कर चुका हैं. मुकेश बताते हैं कि गौशाला में चारे की कमी कई बार खलती है.
Chomu, Jaipur News: गौलीला गौ धाम गौशाला में अधिकांशत विकलांग, बीमार, सड़क हादसों में घायल गायों की सेवा होती है. राजधानी जयपुर के गोविंदगढ़ इलाके में बीकानेर-सीकर हाइवे पर डिप्टी ऑफिस के सामने यह गौशाला स्थित है.
इस गौशाला का गोविंदगढ़ निवासी मुकेश सोकिल संचालन करते हैं. वर्तमान में गौशाला में 70 से ज्यादा गाये हैं, जिनमें अधिकांश गाय वे है जो सड़क हादसों में घायल हो चुकी है. घायल गायों को इस गौशाला में लाकर उपचार देकर ठीक किया गया है. हाइवे पर अक्सर सड़क हादसे होते रहते हैं, जिनमें कई गायों की मौत हो जाती है, लेकिन सड़क हादसे की सूचना गौरक्षक मुकेश सोकिल को मिलने पर मौके पर पहुंचकर गायों को बचाने की कोशिश करता है.
गोविंदगढ़ निवासी मुकेश पिछले 10 सालों से गौ सेवा कर रहे हैं. बकौल मुकेश अब तक 4 हजार से ज्यादा गायों की जान बचा चुके हैं. सड़क पर आवारा घूमने वाली गायों को भी गौशाला में रख लिया जाता है. किसी गाय के पैर टूटे हैं, तो किसी की आंख नहीं है. गौरक्षक मुकेश मार्बल टाइल लगाने का काम करता है, लेकिन मुकेश को गाय के कुएं में गिरने या सड़क हादसे में घायल होने की सूचना मिलने पर वह अपने काम को छोड़कर पहले गाय को बचाने निकल पड़ता है.
आसपास के इलाके में मुकेश सिविल डिफेंस टीम की तरह से काम करता है, यानी खुले पड़े कुओं में गाय या अन्य जीव के गिरने पर मुकेश मसीहा बनकर उन्हें बचाने का प्रयास करता है. इस तरह की घटना होने पर पुलिस और प्रशासन भी मुकेश की मदद लेता है. संसाधनों के अभाव में भी अब तक मुकेश ने 7 -8 सफल रेस्क्यू ऑपरेशन किए हैं. मुकेश के गौ प्रेम को देखकर यहां के लोग भी मुकेश की तारीफ करते नजर आते हैं.
मुकेश के कामकाज को लेकर वन विभाग भी उन्हें सम्मानित कर चुका हैं. मुकेश बताते हैं कि गौशाला में चारे की कमी कई बार खलती है. चारे की पूर्ति करने के लिए बैंक से पर्सनल लॉन लेकर भी चारे की व्यवस्था मुकेश कर रहे हैं.