Jaipur: यदि आप शहर के उन इलाकों में रहते हैं, जहां हर साल बारिश अपने साथ मुसीबत लेकर आती है, तो इस बार भी मुश्किलों का सामना करने के लिए तैयार रहिए. जिम्मेदार नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज ने पिछले सालों के हालातों से सबक लेकर उन कार्यों को अमलीजामा नहीं पहनाया है, जिनसे इस साल पानी भराव वाले इलाकों की समस्या दूर हो सके. शहर के कई निचले इलाकों में बारिश के दौरान घरों में या आसपास पानी भरने की स्थिति बनती है.


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शहरी सरकार की मशीनरी की सुस्त चाल के कारण शहरवासियों को इस बार भी बारिश का दंश झेलना पड सकता है. बारिश में पानी भरने समस्या सिर्फ निचले और गरीब बस्तियों वाले क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि कई रिहायशी इलाकों में भी हो सकते हैं. नगर निगम हैरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर और आयुक्त अवधेश मीना जब आज शहर के दौरे पर निकले तो उनके काफिले को वहीं तस्वीरे देखने को मिली जो कलेक्टर ने पिछले दिनों फोटोग्राफ के जरिए भेजी थी. मेयर मुनेश गुर्जर और आयुक्त ने जौहरी बाजार, जोरावर सिंह गेट, रामगढ मोड, जलमहल, भट्टा बस्ती, शास्त्री नगर में नालों की सफाई का निरीक्षण किया, लेकिन अधिकतर जगह नालों में कचरा दिखाई दिया. मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा की जयपुर शहर में मानसून पूर्व नालों की सफाई का काम पूरा होने में अभी 7-8 दिन और लग सकते हैं. 


नगर निगम हैरिटेज के इंजीनीयरों ने औचक निरीक्षण के दौरान नालों की पूरी सफाई करवाने के लिए एक सप्ताह का समय और मांगा है. इधर औचक निरीक्षण में नालों में गंदगी देख मेयर नाराज भी हुई और उन्होंने किए गए काम से असंतुष्टि जताई. दरअसल पिछले दिनों जयपुर कलेक्टर ने भी एक विजीट करवाकर शहर के नालों की रिपोर्ट तैयार करवाई थी. इसमें हैरिटेज के अधिकांश नालों में गंदगी और सफाई नहीं होने की फोटो-वीडियो सहित रिपोर्ट कमीश्नर को भिजवाई थी.


मेयर और कमीश्नर ने आज हवामहल-आमेर और सिविल लाईन्स जोन एरिया का सुबह औचक निरीक्षण किया. यहां उन्होंने कुछ नालों की रेंडम चैकिंग करवाई. नालों में गंदगी देख मेयर ने कहा कि वे ऐसे काम से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं की काम हुआ ही नहीं, लेकिन जैसा होना चाहिए वैसा नहीं हुआ. नालों की सफाई तब मानी जाती है, जब नालों में से बरसात का पानी फ्लो में बहने लगे, लेकिन जिस तरह नालों में पानी भरा दिखा उसे देखकर लगता है कि काम ठीक से नहीं करवाया गया है.


आपको बता दें कि तीन दिन पहले प्री-मानसून की बारिश के बाद जिस तरह शहर में पानी भरा और नालों में भरी गंदगी सड़कों पर बहकर आने लगी उसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था कि निगम प्रशासन ने किस ढ़ंग से नालों की सफाई करवाई है. आयुक्त अवधेश मीना ने बताया नगर निगम कमीश्नर नालों की सफाई और कचरा प्रबंधन काम में घोर लापरवाही बरतने पर एक्सईएन मधुसूदन गैना, हवामहल आमेर (प्रथम) को कारणों बताओ नोटिस जारी किया है. जबकि जेईएन विजय शर्मा, कनिष्ठ अभियंता को 17 सीसीए में चार्जशीट दी गई. 


कमीश्नर ने बताया कि शहर के निरीक्षण के दौरान दिल्ली रोड़ स्थित संकट मोचन हनुमान मन्दिर के पास स्थित नाला, आमेर रोड पर एयरफोर्स के पास स्थित नाला, रेनवों रेस्टोरेन्ट के पास स्थित नाले की सफाई ठीक नहीं पाई गई. ये नाले कचरे से भरे दिखाई दिए. इस पर एक्सईएन मधुसूदन गैना की ओर से पर्याप्त मॉनिटरिंग नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया. इसी तरह एक्सईएन के अधीन आने वाले जेईएन विजय शर्मा जिसकी मौका ड्यूटी थी कि वे नालों की सफाई ठीक से करवाए ताकि बारिश में कचरा जमा न हो सके. इसके कारण इन जेईएन शर्मा को 17सीसीए का नोटिस जारी करते हुए 7 दिन में जवाब मांगा है. नगर निगम ग्रेटर आयुक्त महेन्द्र सोनी ने हा की अब तक 300 नालो की सफाई हो चुकी हैं. शेष में सफाई का काम चल रहा हैं.


बहरहाल, मानसून की दस्तक के साथ ही लोगों को अब पानी भरने और गंदगी की चिंता सताने लगी है. शहर के अधिकांश बड़े नालों, सीपेज ड्रेनों को सफाई नहीं होने से ओवरफ्लो होने से गन्दगी के सडक़ पर फैलने व मकानों में आने की आशंका है.


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