Jaipur: जोधपुर में अपने भाई के ख़िलाफ़ CBI की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है. जयपुर लौटने पर मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने अशोक गहलोत ने कहा कि 50 साल से मैं राजनीति कर रहा हूं, क्या तो डराएंगे-धमकाएंगे, जो कल राजनीति में आए हैं, इनकी अभी रगड़ाई भी नहीं हुई है अभी इनकी क्योंकि ये बड़े-बड़े पद पर आ गए, बिना रगड़ाई के पद पर आ गये. 


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एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस में लोग आते हैं तो रगड़ाई पूरी होती है उनकी, तब नेता बनता है. इनकी पार्टी में भी कई लोग आ गए ऊपर से, अचानक आ गए हैं और सरकारें आ गई मोदी के नाम पर, बड़े-बड़े पद पर आ गए, पर जो रगड़ाई होती है, जिस प्रकार से ग्रूमिंग होती है, रगड़ाई का मतलब ग्रूमिंग है, उसके बाद में वो कोई पद भी प्राप्त करते हैं तो फिर वो जिम्मेदारी के साथ में बिहेव करता है, वो फिर इस प्रकार की हरकतें नहीं करते हैं.


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पारिवारिक फंक्शन में वर्कर की तरह जाता
मैंने तो CBI के डायरेक्टर से ED की डायरेक्टर से और इनकम टैक्स के चेयरमेन से मिलने का समय मांगा था लेकिन 13 जून को समय मांगा 15 जून को मुक़दमा दर्ज हो गया और 17 जून को रेड हो गई. गहलोत ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा इन जांच एजेंसियों की ये क्या एप्रोच है. इससे पहले राजस्थान में ज़ब्त सियासी क्राइसिस हुआ था, उस समय भी जोधपुर में रेड हुई थी. मुख्यमंत्री ने कहा साल से मैंने राजनीति में अपने आप को इतना इंवॉल्व कर रखा है कि मेरे भाई अपना काम करते हैं. मैं अपना काम करता हूं. परिवार में ब्याह शादी फंक्शन में भी में वर्कर की तरह ही जाता हूं.


अगर मैं दिल्ली में राहुल गांधी के ख़िलाफ़ ED की कार्रवाई का विरोध कर रहा हूं. इस मोमेंट में एक्टिव हूं तो उसका बदला भाई से क्यों लिया जा रहा है, यह तरीक़ा सही नहीं है. मेरे बड़े भाई का राजनीति से कोई संबंध नहीं है. उनके परिवार में भी कोई राजनीति में नहीं है. आम जनता इसको पसंद नहीं करती और इसका नुक़सान भारतीय जनता पार्टी को होगा. जैसे प्रधानमंत्री के भाई को कोई जानता नहीं था, उसी प्रकार से मेरे भाई को कोई नहीं जानता था, अब तमाम मीडिया चला रहा है कि सीबीआई का छापा पड़ गया तो ये परिवार के जो सदस्य हैं, उनका क्या कसूर है? कि अगर राजनीति में भाग ले रहा है कोई व्यक्ति, उसके परिवारवाले पर अटैक हो, उचित नहीं कहा जा सकता है. 


नहीं है घबराने वाले - गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि इससे कोई हम घबराने वाले नहीं हैं. संडे को मैं वापस दिल्ली जाऊंगा, अन्याय कर रहे हो सोनिया गांधी पर और राहुल गांधी के साथ. वो नॉन-प्रॉफिटेबल कंपनियां हैं, वहां का 1 रुपया भी सोनिया गांधी, राहुल गांधी नहीं ले सकते हैं चाहें तो भी. तो जब आप प्रॉफिट ले ही नहीं सकते तो मनी लॉन्ड्रिंग कैसे हो गई लेकिन उनको तंग किया जा रहा है. ये पूरा देश देख रहा है, इसीलिए कार्यकर्ताओं में भी बहुत भयंकर आक्रोश पैदा हुआ, इसलिए लोग दिल्ली तक आ रहे हैं.


एजेंसियों के हेड से मांगा समय
गहलोत ने कहा क़ि तीनों एजेंसियों के हेड से मैं टाइम मांग रहा हूं, आज भी मैं ये कहना चाहूंगा, मैं पुनः टाइम मांगूंगा क्योंकि ये तीनों प्रीमियर एजेंसीज हैं. नागरिक के तौर पर उनको बताऊं कि देश में आपके बारे में क्या ओपिनियन बनी हुई है, क्यों बनी हुई है. लोकतंत्र में सबकी सुनी जाती है, ये तो ब्यूरोक्रेट हैं, इनको हमारी बात सुननी चाहिए, सुननी चाहिए, फैसला उनका खुद का है, पर सुनने में क्या ऐतराज है. उनको सुनाना चाहता हूं, समझाना चाहता हूं जो मैं फील करता हूं, मुझे उनको टाइम देना चाहिए और नहीं देने का कारण मेरी समझ में नहीं आता है. मैं पुनः टाइम मांगूंगा, रिक्वेस्ट करूंगा सीबीआई के डायरेक्टर से भी, ईडी के डायरेक्टर से भी, सीबीडीटी के चेयरमैन से भी और मैं ये वादा करता हूं कि उसमें कोई काम मैं अपने परिवार के बारे में, खुद के बारे में कोई नहीं करने वाला हूं. 


जो उनका प्रोसेस है, जो 8 साल से छापेमारी हो रही है देश के अंदर, लोगों को जेलों में डाला जा रहा है, जमानतें नहीं हो रही हैं, फिर माफी मांग रहे हैं, कहीं ईडी माफी मांगती है. कहीं सीबीआई माफी मांगती है, ये नौबत क्यों आ रही है. शाहरुख खान के लड़के का क्या मामला था पूरा देश ने देखा, ऐसे कई मामले होंगे जो इस प्रकार की कार्रवाइयां हुई हैं और बाद में उनको बैकफुट पर आना पड़ा है, इन एजेंसियों को आना पड़ा है.


हद तक सहन करेंगे दबाव
दबाव की भी हद होती है, एक हद तक दबाव सहन करो, उसके बाद में अगर कोई दबाव डालता है कोई भी हो, चाहे पीएमओ हो, चाहे वो होम मिनिस्ट्री हो, जो मैं सुनता हूं कि आजकल होम मिनिस्ट्री, पीएमओ से सीधे डायरेक्शन आ रहे हैं, ये तमाम बातें हैं, मैं कहना चाहूंगा कि ये देश के हित में नहीं हैं, हम सबके लिए देशहित सर्वोपरि है मेरा मानना है. अब देखते हैं कि क्या होता है, पर हम घबराने वाले नहीं हैं, इनका पूरा मुकाबला करेंगे.


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