कोटपूतली, जयपुर : एक तरफ राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा दिसंबर के आसपास राजस्थान में प्रवेश करने वाली है, और दूसरी तरफ गहलोत सरकार अपने विधायकों की नाराजगी भी नहीं समेट पा रही है. कयास तो यह भी लगाए जा रहे हैं कि यह सारी बयान बाजी राजस्थान प्रदेश नेतृत्व में किसी भी बदलाव को रोकने के लिए की जा रही है. तो कुछ का मानना है कि सरकार जिला घोषित न करने के बहाने ढूंढ रही है. खैर, कयास कुछ भी हो लेकिन यह तो तय है कि राजस्थान सियासत में कोटपूतली का नाम गूंजना सार्थक परिणाम ही लेकर आनी की उम्मीद है.


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राजस्थान की सियासत में इन दिनों कोटपूतली शब्द गूंज रहा है. कोटपूतली विधायक व गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के द्वारा 2 दिन पहले देर रात '' जिला कोटपूतली'' बनाने को लेकर दिए गए एक बयान ने सियासी चर्चाएं शुरू कर दी हैं. जहां आम क्षेत्रीय जनता यह मान रही है कि गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र कोटपूतली को जिला बनाने के लिए दमदार पैरवी की है, अपना पद और पार्टी दोनों छोड़ने को तैयार है. वहीं राजनीति से जुड़े लोग इस बयान के सियासी मायने निकाल रहे हैं.


कोटपूतली विधायक ने पार्टी व पद छोड़ने की दी धमकी


आपको बता दें कि क्षेत्रीय विधायक व गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने दो दिन पहले दिए गए अपने एक बयान में कहा है कि गहलोत सरकार 31 दिसंबर तक कोटपूतली को जिला घोषित करें अन्यथा 1 जनवरी को वह अपना पद व पार्टी से इस्तीफा दे देंगे. गृह राज्य मंत्री के इस बयान के बाद वहीं पड़ोस की विधान सभा बहरोड़ विधायक बलजीत यादव ने भी ताल ठोकी है, और कहा है कि बहरोड जिला नहीं बना तो कांग्रेस को क्षेत्र से एक भी वोट नहीं मिलेगा. पहले बहरोड़ विधायक बलजीत यादव का बयान ने भी प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने यह भी समस्या सामने खड़ी हो गई आखिर जिला बनाये तो किसको क्योंकी चुनाव का मात्र एक साल बचा है ऐसे में किस विधायक को राजी करे किस को नाराज. ऐसे में विपक्ष जमकर चुटकियां बजा रहा है.


Reporter- Amit Yadav


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