P. Chidambaram : `रामजी की रेस` में कांग्रेस भी, चिदम्बरम ने कहा- हम राम मन्दिर का स्वागत करते
P. Chidambaram News: देश के पूर्व गृह मन्त्री और वित्त मन्त्री रहे पी. चिदम्बरम अब राम मन्दिर पर कोई रिएक्शन देने की बजाय कांग्रेस पार्टी इसका स्वागत करती दिख रही है. चिदम्बरम ने साफ कहा कि राम मन्दिर किसी एक पार्टी से ताल्लुक नहीं रखता.
P. Chidambaram On Ram Mandir Ayodhya : क्या कांग्रेस अपनी रणनीति बदल रही है, क्या कांग्रेस पार्टी अपना नज़रिया बदल रही है या कांग्रेस अपना चेहरा बदल रही है. दरअसल यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि राम मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा की तारीख के ऐलान के बाद अब कांग्रेस नेता राम मन्दिर पर कोई भी प्रतिक्रया बड़े ही सधे हुए तरीके से देने की कोशिश करते दिखते हैं.
देश के पूर्व गृह मन्त्री और वित्त मन्त्री रहे पी. चिदम्बरम की बातों से भी कांग्रेस की बदली हुई रणनीति का पता चल रहा है. अब राम मन्दिर पर कोई रिएक्शन देने की बजाय कांग्रेस पार्टी इसका स्वागत करती दिख रही है. चिदम्बरम ने साफ कहा कि राम मन्दिर किसी एक पार्टी से ताल्लुक नहीं रखता.
अभी विधानसभा चुनाव हैं तो अगले लोकसभा चुनाव भी ज्यादा दूर नहीं हैं. हालांकि इस बीच लोकसभा चुनाव से पहले 22 जनवरी को राम मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगा. इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में राम मन्दिर को मुद्दा बना सकती है, लेकिन इस पर कांग्रेस का क्या स्टैण्ड रहेगा.
इस सवाल पर पूर्व केन्द्रीय मन्त्री पी. चिदम्बरम साफ कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी को इसे काउन्टर करने की क्या ज़रूरत है. चिदम्बरम ने कहा कि कांग्रेस इसे क्यों काउन्टर करेगी. उन्होंने कहा कि यह मन्दिर बीजेपी ने नहीं बनवाया है. इसकी यूनिवर्सल स्वीकार्यता है और यह एक स्वागत योग्य विकास है. चिदम्बरम ने कहा कि हम राम मन्दिर का स्वागत करते हैं.
चिदम्बरम ने कहा कि देश में कई भव्य मन्दिर हैं. रामेश्वरम से लेकर दूसरे भव्य मन्दिरों की कड़ी में राम मन्दिर भी शुमार होगा. उन्होंने कहा कि जब इस पर कोई ऐतराज नहीं तो कांग्रेस इसे काउन्टर क्यों करेगी.
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दरअसल राम मन्दिर के मुद्दे पर हर बार मुंह की खाने वाली कांग्रेस पार्टी के बयानों से लग रहा है कि पार्टी रणनीतिक तौर पर अपने आप में कुछ बदलाव ला रही है. शायद यही कारण है कि राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कोई तल्ख और त्वरित बयान देने की बजाय कांग्रेस पार्टी इसे स्वागत योग्य कदम बता रही है. ऐसे में बदली रणनीति के साथ जिज्ञासा इस बात को लेकर है कि क्या कांग्रेस को इसके बाद नतीजे भी बदले हुए मिलेंगे.