Jaipur News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका में लगे संविदाकर्मी रोजगार के लिए लोगों को विभिन्न लोन दिलाने में मदद करते हैं. केंद्र की यह योजना जारी है, लेकिन राजस्थान में लगे संविदाकर्मी बेरोजगार हो गए हैं. इन संविदाकर्मियों ने आज परियोजना निदेशक का घेराव कर योजना जारी रखी जाए. इधर परियोजना अधिकारी ने कहा कि प्रकरण ऊपरी स्तर पर विचाराधीन है.


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दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन पिछले करीब 10 साल से चल रहा है. इस योजना में जिलाें में प्रबंधक सामुदायिक संगठक, राज्य मिशन प्रबंधक, सृजित पदों पर लगभग 400 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं.



इन कर्मचारियों को केन्द्र की NULM योजना के साथ-साथ राज्य सरकार की भी सभी कल्याणकारी योजनाओं जैसे अन्नपूर्णा रसाेई योजना, आवास योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, बीपीएल पेंशन से सम्बन्धित कार्य, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि से समृद्धि योजना, चुनाव से सम्बन्धित कार्य और निकाय के विभिन्न कार्य भी करवाए जा रहे थे. 



इसके बाद 18 नवम्बर को आदेश आए कि 30 सितम्बर से ही योजना बंद हो गई. परियोजना निदेशक की ओर से जारी आदेश में एक झटके में 400 एनयूएलएम के सभी कार्मिकों को बेरोजगार कर दिया गया.



केंद्र ने योजना जारी रखने को कहा, PD बोले- ऊपरी आदेश का इंतजार



इधर भारत सरकार ने इस योजना को सुचारू रूप से चालू रखने के लिए कहा है. केंद्र सरकार की ओर से चार दिसम्बर को आए पत्र में NULM योजना में कार्यरत कर्मचारियों को 1 अक्टूबर 2024 से यथावत लगाये जाने तथा निकाय स्तर से सभी कार्मिकों को वेतन भुगतान करवाने करने के लिए पत्र लिखा है. 



वहीं दूसरी ओर परियोजना निदेशक पहाड़िया ने कहा, '' NULM योजना में एजेंसी के मार्फत कार्य कर रहे हैं. इन्हें हटाने के आदेश आए तो हटा दिया. योजना जारी रहेगी, लेकिन अब ऊपरी स्तर से आदेशों का इंतजार है, इनका क्या किया जाना है. इसे बाद ही कुछ बता सकूंगा.''



वहीं दूसरी ओर NULM संविदा संघ के प्रांतीय अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण वर्मा ने कहा, " NULM योजना का स्वयं का बजट लगभग 22 करोड़ है एवं 12 करोड़ रूपये पी.डी. खाते में शेष है. भारत सरकार के 4 दिसम्बर के पत्र के अनुसार प्रधानमंत्री की फ्लैगशिप योजना में लगे लगभग 400 लोगों को शीघ्र रोजगार देने के आदेश जारी करें.''



इस डबल इंजन की सरकार के रोजगार के दावे एवं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के लगभग 400 कर्मचारियों की आजीविका सुरक्षित हो सके.