Jaipur: राजस्थान के जल जीवन मिशन में पाइपों से पानी की जगह भ्रष्टाचार बह रहा है.अबकी बार 1200 से 1500 करोड़ का घोटाला सामने आया है. इससे पहले भी 2500 करोड़ का घोटाला सामने आया था. 


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सांसद बाबा बालकनाथ ने केंद्र सरकार को खत लिखकर phed में खलबली मचा दी है.केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को बाबा बालकनाथ ने पत्र लिखा है.उन्होंने कहा है कि जेजेएम में खराब क्वालिटी के पाइप बिछाए जा रहे है.राजस्थान के सभी जिलों में भारतीय मानक ब्यूरों की टीमे भेजे. केंद्र सरकार एचडीपीई पाइप के सैंपल लेकर जांच करवाए.


बाबा बालकनाथ ने ये लिखा खत में- 


1. राजस्थान में 70 प्रतिशत से अधिक पाईप नीले ड्रम या खराब कचरे की बनी पन्नियों या कबाड़े के प्लास्टिक दाने से बनाये जा रहे हैं जो दिखने में सही लगते है लेकिन पाईप बेहद ही घटिया होते है.
2. इन पाईपों के माध्यम से घर-घर में पानी पहुंचाया जाना है.घटिया और मिलावटी मैटेरियल से बनने के कारण पेयजल में इनके कण घुलकर मानव शरीर में रोजाना पहुंचेगें जिससे कैंसर जैसी बीमारियां फैलने की सम्भावना है क्योंकि पाईप मिलावटी और घटिया होने के कारण फूड ग्रेड क्वालिटी के नहीं हैं. 


3. ज्यादातर कम्पनियां ग्राम में सप्लाई होने वाले एक बैच में 01 या 02 रोल वर्जिन पाईप निर्माण करती है ताकि किसी लैब में पाईप का सैम्पल भेजा जाए तो सैम्पल पास हो जायें. इसमें क्षेत्र में पदस्थापित अधिकारियों की मिलीभगत भी होती है. भारत में ग्रामवासी ज्यादातर किसान और मजदूर वर्ग के होने के कारण उन्हें इस घोटाले का पता ही नहीं चलता क्योंकि सभी पाईप एक जैसे नजर आते हैं.
4. ज्यादातर एचडीपीई पाईप का रोल इस तरह से तैयार किया जाता है कि पाईप की शुरूआत और अन्त के 05 मीटर में मोटाई सही नजर आती है लेकिन बीच में मोटाई कम कर दी जाती है.इस तरह से घटिया पाईप बनाकर मोटाई कम कर दोगुना घोटाला किया जा रहा है.


5. राजस्थान में थर्ड पार्टी जांच के लिए विभाग के अभियन्ताओं को फैक्ट्री जांच के लिये भी भेजा जाता है लेकिन ज्यादातर अभियन्ता हजारों मीटर पाईपों की जांच 01 से 02 घण्टे में करके वापिस आ जाते हैं जिसमें पूरा सन्देह हैं कि हजारों मीटर पाईप की जांच एक दो घण्टे में कैसे की जा सकती है ? टीमें भेजी जाए और जांच करवाएं जाएं. इससे पहले एसीएस सुबोध अग्रवाल को लिखा था पत्र जेजेएम कार्यों में 2500 करोड़ के घोटाले का दावा किया था. 


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