खतना की तरह लड़कियों के यौन आकर्षण को खत्म करने का खतरनाक तरीका
एक बच्चा अपनी मां के साथ ही सबसे सुरक्षित महसूस करता है. खासतौर पर एक बेटी और उसकी मां के बीच रिश्ता एक ऐसे एहसास का होता है, जो बयां नहीं किया जा सकता है, तो सोचें की उस बच्ची पर क्या बीतेगी जो यौनावस्था में हो, और उसकी मां ही उसे गर्म आयरन या पत्थर से उसके सबसे कोमल हिस्से को दाग दें...
Breast Ironing सुनने में आपको शायद अजीब लगे, लेकिन ऐसा हर साल होता है. जब कोई लड़की यौनावस्था में प्रवेश करती है तो उसकी मां ही दहकती लकड़ी, लोहे या फिर पत्थर से उसके ब्रेस्ट को दाग देती है.
ब्रेस्ट आयरिंग की ये परंपरा अफ्रीका में चाड, गिनिया बिसाउ, केन्या, टोगो, जिम्मबाब्बे और गिनिया कोनाक्री में प्रचलित है. यूएन और अफ्रीकी हेल्थ ऑर्गेनाइजेश की रिपोर्ट बताती है कि करीब 3 करोड़ से ज्यादा लड़कियां इस भयावहता को झेलती हैं.
जो 58 प्रतिशत मामलों में मां के हाथों और कुछ मामलों में परिवार की दूसरी करीबी महिला सदस्यों के हाथों दी जाती है. रिपोर्ट बताती है कि सिर्फ कैमरून में ही 50 फीसदी तक लड़कियां इस दर्द को झेल रही हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी 9 से 15 साल तक की एक हजार से ज्यादा लड़कियां यूके में ब्रेस्ट आयरनिंग से घिरी है. जिससे समझा जा सकता है कि परिवेश बदलने के बाद भी पुरानी परंपराएं आज तक विकसित देशों में अपनाई जा रही है.
अब सवाल ये कि जैसे खतना के पीछे इसे सही बताने वालों का तर्क है, कि लड़कियों का खतना यौन इच्छाओं को खत्म करने और अनुशासित होने के लिए जरूरी है, वैसे ही ब्रेस्ट आयरिंग करने वाले मानते हैं, कि ये लड़कियों की भलाई के लिए ही है. ताकि कम उम्र वो पुरुषों को आकर्षक ना लगें.
ब्रेस्ट आयरिंग करने वालों का मानना है, कि इससे ब्रेस्ट की ग्रोथ कम हो जाती है और इसे काफी हद तक रोका जा सकता है. ब्रेस्ट कम होने पर टीनएज लड़कियों के सेक्सुअल एनकाउंटर कम होंगे.
ब्रेस्ट आयरिंग करने वाले इन लोगों के बीच किसी टीनएज लड़की के ब्रेस्ट होना शर्म की बात है. एक रिपोर्ट बताती है कि ब्रेस्ट आयरिंग से ब्रेस्ट कैंसर, सिस्ट या फिर ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी समस्याओं का सामना बाद में लड़कियों को करना पड़ता है. इस प्रक्रिया के दौरान जिस मानसिक प्रताड़ना का वो शिकार होती हैं, उसके बाद पूरी जिंदगी उनकी सैक्स करनी की इच्छा खत्म हो जाती है.
जैसे खतना में लड़कियों की क्लिटोरिस को पूरा काट देना या फिर ऊपरी हिस्सा काट दिया जाता है या फिर वेजाइना को थोड़ा सिलकर इसमे छेद कर दिया जाता है, ताकि लड़कियां अपने पति के प्रति ज्यादा वफादार रहें. वैसे ही ब्रेस्ट आयरिंग में 8-9 साल की लड़कियों में यौनावस्था के लक्षण दिखते ही ब्रेस्ट को लड़की की मां गर्म चीज से दाग देती है.
ब्रेस्ट को दागने के बाद उसके ऊपर इलास्टिक बैंडेज बांध दिया जाता है. जिसे दिन में कई बार टाइट किया जाता है. कई बार ब्रेस्ट फैट को पिघलाने के लिए और ग्रोथ को रोकने के लिए गर्म पत्थर से बेस्ट की मसाज होती है. जिसमें ब्रेस्ट की स्किन जल जाती है.
खतना यानि फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन की तरह ही इस रिवाज को भी महिलाओं के मानवाधिकार का हनन माना गया है, लेकिन फिर भी इस पर खतना की तरह ही पूरी रोक आज तक नहीं लग सकी.
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