Jaipur: राजस्थान के मनरेगा में 100 दिन के रोजगार पर संकट मंडरा रहा है. मनरेगा संविदाकर्मियों के ​हड़ताल के बाद काम प्रभावित हुआ है. नियमित करने की मांग को लेकर संविदाकर्मी हड़ताल पर हैं.


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मनरेगा संविदाकर्मी एक महीने से हड़ताल पर चल रहे हैं. हड़ताल के कारण स्कीम में श्रमिकों पर बेरोजगारी की मार है. दूसरी तरफ हड़ताल पर जाने वाले संविदाकर्मियों पर कार्रवाई की जा रही है. संविदाकर्मियों का मानदेय रोका गया है, अनुबंध समाप्त करने की तैयारी है. अनुबंध समाप्त करने के लिए पंचायतीराज विभाग नोटिस थमा रहा है. हड़ताल के कारण 3 लाख श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल पाया. श्रमिकों की संख्या घटकर 26.57 लाख से 23.6 लाख रह गई.


ये काम होता है मनरेगा में संविदाकर्मियों का-
- ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारों को रोजगार देने का काम करते हैं.
- ग्राम रोजगार सहायक द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर प्रपत्र 06 भरवां कर डिमांड डाली जाती है.
- इसके बाद पश्चात कम्प्यूटर आपरेटर के माध्यम से पंचायत समिति स्तर पर मस्टररोल का प्रिंट दिया जाता है और उस मस्टररोल पर बीडीओ या सहायक कार्यक्रम अधिकारी हस्ताक्षर करता है और मस्टररोल कार्य स्थल पर ग्राम पंचायत में चली जाती है और यह एक पखवाड़े की होती है इसमें मेट लगाये जाते हैं.
- मेट द्वारा प्रत्येक दिन श्रमिक की हाजरी ली जाती है, उसका टास्क प्रत्येक दिन मस्टररोल पर उसके नाम के आगे लिखता है. कनिष्ठ तकनीकी सहायक (जेटीए) द्वारा पखवाड़े के मध्य कार्य का माप और निरीक्षण किया जाता है और पखवाड़ा समाप्त होने के पश्चात भी.
- उसके पश्चात मस्टररोल पंचायत समिति में आती है भर कर. उसकी हाजरी चेक कर डाटा एंट्री आपरेटर से आनलाईन हाजरी फ़ीड करवाई जाती है.
- जेटीए द्वारा एमबी पुस्तक में उसका मेजरमेट कर प्रत्येक श्रमिक की भुगतान दर भरी जाती है. उसके पश्चात लेखा सहायक द्वारा भुगतान चेक कर एमबी पर भुगतान पास आर्डर लगा कर आठ दिन के अंदर भुगतान के लिए प्रस्तुत की जाती है.


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