राजस्थान की दूसरी महिला CS ऊषा शर्मा ने पदभार ग्रहण करते ही कही ये बात
ऊषा शर्मा ने कॅरियर की शुरूआत अलवर एसडीएम के रूप में की थी. इसके साथ ही वे अलवर नगरपालिका में प्रशासक, जयपुर में उद्योग विभाग में उपसचिव, शिक्षा विभाग में उपसचिव रहने के बाद उन्हें 1994 में पहली बार बूंदी का जिला कलेक्टर बनाया गया था.
Jaipur: राज्य सरकार की ओर से नवनियुक्त मुख्य सचिव ऊषा शर्मा (CS Usha Sharma) ने शाम पदभार ग्रहण कर लिया. उन्हें निवर्तमान मुख्य सचिव निरंजन आर्य (Niranjan Arya) ने मुख्य सचिव का कार्यभार सौंपा. ऊषा शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर फोकस करके उन्हें गति देने का काम किया जाएगा. ऊषा शर्मा प्रदेश की दूसरी महिला मुख्य सचिव बनी हैं. वह अपने पद के साथ राज्य खान एवं खनिज निगम लिमिटेड की अध्यक्ष का अतिरिक्त कार्यभार भी संभालेंगी.
निरंजन आर्य ने पारंपरिक तरीके से सोमवार को नई सीएस ऊषा शर्मा को चार्ज सौंपा. सोमवार शाम 4 बजे वे सचिवालय के सीएस कक्ष में आईं और अपने ज्वॉइनिंग लेटर पर हस्ताक्षर किए. निरजंन आर्य के कक्ष में आने के बाद उनका स्वागत किया गया और विधिवत तरीके से उन्हें सीएस की कुर्सी पर बैठाया. ऊषा ने कहा कि राज्य सरकार की जो विकास के कार्य को लेकर,आपदा प्रबंधन को लेकर, लॉ एंड ऑर्डर को लेकर प्राथमिकता है उसके प्रति संवेदनशील होकर और पुरजोर प्रयास करके उन योजनाओं को कैसे आगे बढ़ाया जाए और प्रदेश को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे कैसे लाया जाए, इसके प्रति सक्रिय होकर इन सबकी क्रियान्विति करनी है.
राजस्थान में वापसी को लेकर ऊषा शर्मा ने कहा कि 10 साल बाद में राजस्थान कैडर में आई हूं, लेकिन राजस्थान से दूरी मेरी कभी नहीं थी. राजस्थान बहुत नजदीक रहा है और राजस्थान में जो भी गतिविधियां रही हैं उस से लगातार संपर्क बनाए रखा. ऐसा नहीं है कि 10 साल में कोई दूरी हो गई है. जल्द होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर ऊषा शर्मा ने कहा कि सत्र में हमारा सकारात्मक रवैया रहेगा.
उन्होंने कहा कि जो सरकार की प्राथमिकताएं हैं, उनपर पूरा ध्यान दिया जाएगा. सीएस ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी और सभी संस्थाओं को साथ लेकर और उसमें ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक नतीजे कैसे प्राप्त हो इस पर ध्यान दिया जाएगा. अफसरों की कमी को लेकर ऊषा शर्मा ने कहा कि हर समस्या का निश्चित तौर पर एक हल होता है. वह हल ढूंढा जाएगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रदेश की जो जनता है उसने अपनी छवि राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई हुई है. शर्मा ने कहा कि पधारो म्हारे देश अपने आप में बहुत बड़ा वाक्य है और ज्यादा से ज्यादा संवेदनशील होकर जन सुविधाएं कैसे दी जाए यह प्राथमिकता रहेगी.
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उषा शर्मा ने कहा कि वे दूसरी महिला सीएस हैं. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री का वे धन्यवाद देना चाहती हैं क्योंकि उन्होंने एक महिला को सीएस के पद पर आसीन कराया. शर्मा ने कहा कि महिलाओं के जो भी कार्यक्रम हैं और जो भी फ्लैगशिप कार्यक्रम हैं उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा. वे बीडीओ, एसडीओ और कलेक्टर से लेकर अहम प्रशासनिक पदों पर रह चुकी हैं और ऐसे में आम आदमी की तकलीफ है समझती हैं. 36 साल के कैरियर में आम आदमी का दर्द क्या होता है उसे फील किया है और उसी दर्द के प्रति इंक्लूजिव एप्रोच रखते हुए वे आम आदमी के प्रति अपना अप्रोच रखेंगी.
जानिए कौन हैं ऊषा शर्मा
ऊषा शर्मा ने प्रशासनिक सेवाओं में अपनी शुरूआत अलवर एसडीएम के रूप में 1989 में शुरू की थी. इसके साथ ही वे अलवर नगरपालिका में प्रशासक, जयपुर में उद्योग विभाग में उपसचिव, शिक्षा विभाग में उपसचिव रहने के बाद उन्हें 1994 में पहली बार बूंदी का जिला कलेक्टर बनाया गया था.
एडल्ट एजुकेशन विभाग में डायरेक्टर, इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में सचिव के पद पर कार्यरत रहने के बाद में 1999 में अजमेर की जिला कलेक्टर बनीं. 2001 में जयपुर आ गईं और यहां कॉपरेटिव सोसायटी की रजिस्ट्रार बनीं. वर्ष 2003 से 2004 तक जेडीए कमिश्नर के रूप में भी कार्य किया. रोजगार विभाग, शहरी विकास में सचिव के पद पर भी कार्य किया. 2005 में उन्हें स्पिन फैड और राजस्थान हैण्डलूम डवलमपेंट कॉरपोरेशन की चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया.
मई 2006 से अप्रेल 2007 तक उद्योग विभाग में आयुक्त रहीं. उसके बाद पर्यटन की आयुक्त लम्बे समय तक रहीं. इसी विभाग में रहते हुए उन्होंने प्रमुख शासन सचिव के रूप में भी कार्य किया. मई 2012 में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चली गई जहां एडिशनल डायरेक्टर जनरल टूरिज्म का कार्यभार संभाला. दिल्ली में रहते हुए ही प्रशासनिक सुधार विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्य किया. ऑर्कलोजिकिल सर्वे ऑफ इंडिया में डायरेक्टर जनरल पद पर भी कार्य किया. ऊषा शर्मा जून 2023 तक सीएस पद पर रहेंगी.
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सीनियरिटी नहीं लांघी गई
लंबे समय बाद ऐसा हुआ जब उषा शर्मा की नियुक्ति के मामले में सीनियरिटी नहीं लांघी गई है. 1985 बैच की आईएएस उषा शर्मा के बैच के केवल एक आईएएस रविशंकर श्रीवास्तव हैं, जो पहले से ही सचिवालय से बाहर तैनात हैं. बाकी सभी अफसर उषा शर्मा से जूनियर हैं. निरंजन आर्य 1987 बैच के थे तब बहुत से अफसरों की सीनियरिटी लांघी गई थी. उनसे सीनियर अफसरों को सचिवालय से बाहर करना पड़ा था. अब कई आईएएस सचिवालय में आ सकेंगे.