Jaipur: महानगर की स्थाई लोक अदालत ने बीटेक पाठ्यक्रम के विद्यार्थी की फीस लौटाने में देरी करने पर राजकीय तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा पर 11 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.


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अदालत ने कहा है कि हर्जाना राशि एक माह में अदा की जाए. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने हर्जाना राशि पर सात फीसदी ब्याज भी अदा करने को कहा है. अदालत ने यह आदेश आंचल बंसल के परिवाद पर दिए. परिवाद में अधिवक्ता प्रकाश शर्मा ने प्रार्थी ने सेंटर फोर इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस की ओर से आयोजित राजस्थान इंजीनियरिंग एडमिशन प्रोसेस परीक्षा उत्तीर्ण की थी. इसके बाद उसने राजकीय तकनीकी विश्वविद्यालय में प्रवेश लेकर 19 जुलाई 2019 को 45 हजार 05 रुपए नेट बैंकिंग के जरिए जमा करा दिए.


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वहीं बाद में उसे जयपुर के संस्थान में एडमिशन मिलने पर उसने सेंटर फोर इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस से फीस वापस मांगी. वहीं बाद में आरटीयू से फीस लौटाने को कहा, लेकिन उसे फीस नहीं लौटाई गई. जबकि विड्रो आवेदन करने के सात दिन में फीस लौटाने का प्रावधान है. वहीं बाद में आरटीयू ने एक हजार 05 रुपए काटकर शेष फीस लौटा दी. परिवाद में कहा गया कि आरटीयू ने कई महीनों तक फीस रोकी और नियम विरूद्ध पांच रुपए अधिक काट लिए. जवाब में आरटीयू ने कहा कि बैंक को पेमेंट गेटवे की सुविधा के लिए पांच रुपए का भुगतान हुआ है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरटीयू पर हर्जाना लगाया है.


Reporter- mahesh pareek