Rajasthan news: राजस्थान सफाई कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया के विरोध में संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ ने आज से सामूहिक अवकाश लेकर कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया हैं.जयपुर में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का असर पहले ही दिन देखने को मिला.राजधानी की सडकों पर ना तो सफाई हुई ना ही घरों पर डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए हूपर पहुंचे.जिसके कारण राजधानी में जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए.मुख्य बाजारों की सडकों पर कचरा ही कचरा नजर आया.


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पिंकसिटी घूमने आए पर्यटकों को आज ब्यूटीफुल सिटी में कचरे की डर्टी तस्वीरें नजर आई.जयपुर नगर निगम हैरिटेज और ग्रेटर के 8 हजार 500 से ज्यादा सफाईकर्मियों सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन पर उतर आए हैं.सफाईकर्मियों के हडताल पर जाने से ना तो सडकों पर सफाई हुई ना ही डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए हूपर पहुंचे.इसका असर शहर की सड़कों पर नजर आया.


पर्यटन स्थलों से लेकर मुख्य बाजारों और सरकारी दफ्तरों के आगे कचरे के ढेर नजर आए.उधर हड़ताली सफाई कर्मचारी ने छोटी चौपड़ पर प्रदर्शन किया.संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोीरिया ने कहा की जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता हैं, झाडू डाउन रहेगी.सफाई कर्मचारी भर्ती मस्टररोल के आधार पर ही करने सहित पांच मांगों को लेकर मंत्री से लेकर अफसरों को अवगत कराया जा चुका हैं.


लेकिन सफाईकर्मी भर्ती में वाल्मिकी समाज को तरजीह नहीं दी जा रहीं तो मजबूरन सामूहिक अवकाश लेकर हडताल करनी पड रही हैं.डंडोरिया ने कहा की स्वायत्त शासन विभाग की ओर से 24 हजार 797 पदों पर सफाई कर्मचारी भर्ती लॉटरी के आधार पर वर्ष 2018 की तर्ज पर कराई जा रही है.इसका सभी पुरजोर विरोध करते हैं.


डंडोरिया ने बताया की भर्ती समझौते के तहत मस्टररोल के आधार पर ही कराई जाए.साथ ही जिन अभ्यार्थियों ने नगर निगम में काम किया है.उन्हें इस भर्ती में प्राथमिकता दी जाए.जिन अभ्यर्थियों का कोर्ट में केस विचाराधीन है, उन्हें भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए.वाल्मीकि समाज को भी 60 प्रतिशत प्राथमिकता मिले.आगामी लोकसभा चुनाव की आड़ में भर्ती प्रक्रिया नहीं रोकी जाए.सफाईकर्मियों की पांचों मांगें पूरी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा.


सफाईकर्मचारियों की भर्ती को लेकर पहले भी हड़ताल के कारण जयपुर की जनता परेशान रही हैं.फिर आज से शुरू हुई हड़ताल के कारण जयपुरराइट्स को परेशानी झेलनी पड़ सकती हैं.कचरा संग्रहण के लिए हूपर नहीं आने से घरों का कचरा फिर से सडकों पर डालना मजबूरी हो गई हैं.प्रदेश में करीब 50 हजार और राजधानी जयपुर में 8 हजार 500 से ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं.इनकी हड़ताल लंबी चलती है तो शहर की सफाई व्यवस्था ज्यादा गड़बड़ा जाएगी.


हालांकि इस हड़ताल में गैर वाल्मीकि समाज के 5 हजार कर्मचारी शामिल नहीं हैं.गौरतलब हैं की इससे पहले अप्रैल 2023 में सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल की थी.सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों को 100 प्रतिशत आरक्षण देने की बात को लेकर यह हड़ताल की गई थी.उस समय करीब 5 दिन हड़ताल चली थी.


 हड़ताल की चेतावनी दी थी


उस दौरान जयपुर में सफाई व्यवस्था चरमरा गई थी और शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए थे.इससे पहले भी जनवरी में भर्ती प्रक्रिया शुरू करवाने की मांग को लेकर संघ ने प्रदर्शन किया था.उस समय भी संघ से जुड़े कर्मचारियों ने हड़ताल की चेतावनी दी थी.कर्मचारियों ने उस समय भर्ती में एग्जाम देने की प्रक्रिया का विरोध किया था.यूडीएच मंत्री का प्रभार संभालने के बाद मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा था कि हम एग्जाम के जरिए भर्ती करवाने पर विचार कर रहे हैं.


यूं समझिए सफाईकर्मी भर्ती


1-एक मार्च को निकली भर्ती, तीन माह तक होंगे प्रेक्टिकल
राज्य के 186 नगरीय निकायों में सफाई कर्मचारियों के 24797 रिक्त पदों पर निकायवार सीधी भर्ती होनी है.सरकार ने इस भर्ती में प्रैक्टिकल टेस्ट अनिवार्य किया है,जो तीन महीने तक होगा. साथ ही वाल्मीकि और हैला समाज के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी.


निकायवार दिए गए पदों की तुलना में तीन गुना पात्र अभ्यर्थियों को लॉटरी के जरिए प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए चयन किया जाएगा. उपस्थिति, अनुभव, अवधि, योग्यता, कार्य कुशलता के आधार पर मूल्यांकन होगा. दस्तावेज और प्रमाण पत्रों के अभाव में अभ्यर्थी को हटाया जा सकेगा.


2-सबसे अधिक ग्रेटर निगम में 3670 पदों पर होगी भर्ती


सबसे अधिक ग्रेटर नगर निगम में 3670 रिक्त पदों पर भर्ती होगी. इसके अलावा बीकानेर में 1 हजार 37, कोटा दक्षिण में 836, जयपुर हेरिटेज में 707 रिक्त पदों पर भर्ती होनी है, जबकि सबसे कम इंद्रगढ़ में 5 पदों पर भर्ती होगी.


3-प्रैक्टिकल में नालों की सफाई और रोड स्वीपिंग


निकायवार दिए गए पदों की तुलना में तीन गुना पात्र अभ्यर्थियों को लॉटरी के जरिए प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए चयन किया जाएगा. ये प्रैक्टिकल एग्जाम 3 माह का होगा.इसमें उपस्थिति, अनुभव, अवधि, योग्यता, कार्य कुशलता के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा.


बहरहाल, स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग लाने के लिए एक तरफ नगर निगम हैरिटेज और ग्रेटर आयुक्त ग्राउंड पर काम कर रहे हैं.आमजन को समझाइश कर रहे हैं.सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जा रही हैं.शहर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था का ढर्रा सुधारने के लिए खुद फील्ड में उतरे हुए हैं.लेकिन पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल ने सारी मेहनत को कचरा कर दिया हैं.


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