Dev Uthani Ekadashi 2023: करीब पांच माह बाद आज देवउठनी एकादशी पर स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त होने के कारण फिर से शादी-विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत हुई. राजधानी सहित प्रदेश में सैकड़ों जोड़े परिणय सूत्र में बंधे. शहर की सड़कों पर बैंड-बाजा और बारात की रौनक दिखाई दी.


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शादी-विवाह के लिए शहर के मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल व कई होटल-रिसोर्ट बुक हुए हैं. बाजारों में खरीदारी भी परवान पर है. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शादी के कार्ड में मतदान की अपील भी की गई है. विवाह समारोह में उपहार देने सहित अन्य संदेश लिखे गए हैं.


आज के दिन जयपुर में 20 हजार से अधिक शादियां होगी. वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए प्रसिद्ध राजस्थान में इस बार विदेशी पावणो के कारण टेंट, केटरिंग, सजावट का सामान ब्यूटी पार्लर, फोटोग्राफी और परिवहन के संसाधनों आदि की मांग भी बढ़ी है.


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जयपुर सहित प्रदेश में होने वाली वीवीआईपी शादियों के लिए दूसरे राज्यों से भी संसाधन मंगवाए जा रहे हैं. 29 जून को देवशयनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यों पर रोक लगी थी. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी पर 22 नवम्बर तक देवशयन दोष है.


इसके बाद एकादशी पर 23 नवम्बर को देवप्रबोधिनी एकादशी (देवउठनी) पर विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे. 16 दिसंबर को धनु मलमास शुरू हो जाएगा, जो 14 जनवरी तक रहेगा. इस अवधि में शादी सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा.