राजस्थान में डीजीपी पद के नाम को लेकर फिर से हो रही चर्चाएं, क्या एमएल लाठर होगें स्वैच्छिक सेवानिवृत ?
प्रदेश में डीजीपी पद के लिए नये नाम को लेकर एक बार फिर से हलचल तेज हो गयी है.
Jaipur: प्रदेश में डीजीपी पद के लिए नये नाम को लेकर एक बार फिर से हलचल तेज हो गयी है. इसी साल के अंत में यानि कि नवंबर में प्रदेश के वर्तमान डीजीपी एमएल लाठर रिटायर होंगे, लेकिन उससे 5 महीने पहले ही नये डीजीपी बनाने को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं.
प्रदेश में 1987 बैच के इकलौते आईपीएस अधिकारी एमएल लाठर वर्तमान में प्रदेश पुलिस के मुखिया यानि कि डीजीपी के पद पर है. वरिष्ठ आईपीएस एमएल लाठर का कार्यकाल नवंबर महीने तक रहेगा. लेकिन प्रशासनिक गलियारों में चर्चा है कि डीजीपी एमएल लाठर 30 जून को स्वैच्छिक सेवानिवृति हो सकते हैं. इस दौरान एमएल लाठर को कोई राजनीतिक नियुक्ति भी दी जा सकती है. इसका सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है एसीबी में वर्तमान में डीजी के पद पर सेवाएं दे रहे बीएल सोनी को डीजीपी बनाये जाने को लेकर लॉबिंग किया जाना.
जोधपुर निवासी 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी बीएल सोनी इसी साल 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं, लेकिन उन्हें अगर डीजीपी बनाना हो तो सेवा निवृति से कम से कम 6 महीने पहले उनको इस पद पर बैठाना जरुरी हो जाता है. बीएल सोनी को डीजीपी बनाया जाता है तो अगले 2 साल तक वे सेवा में रह सकते हैं. वर्तमान डीजीपी एमएल लाठर भी इसी फार्मुले के आधार पर 2 साल के लिए डीजीपी बने थे.
अगर एमएल लाठर इसी महीने के अंत ते सेवानिवृत नहीं होते हैं तो आईपीएस बीएल सोनी डीजीपी की दौड़ से बाहर हो जायेंगे. अगर एमएल लाठर 30 जून तक इस्तीफा नहीं देते हैं तो नवंबर महीने तक एमएल लाठर ही डीजीपी पद पर बने रहेंगे और उसके बाद आईपीएस उमेश मिश्रा और भूपेन्द्र दक डीजीपी पद के दावेदार रहेंगे.
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