जयपुर: जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय ने फ्लैट का अनुबंध निरस्त करने से जुडे मामले में अनुचित तरीके से राशि काटने को सेवा दोष माना है. वहीं आयोग ने विश्वास आशियाना प्रा.लि. को आदेश दिए हैं कि वह जमा राशि में से काटी गई दो लाख 12 हजार रुपए की राशि ब्याज सहित अदा करे. इसके साथ आयोग ने बिल्डर पर 45 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आयोग ने यह आदेश शैलेन्द्र अटोलिया के परिवाद पर दिए. परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने परिवादी ने 28 फरवरी 2013 को दो लाख रुपए जमा करवाकर विपक्षी की आवासीय योजना में फ्लैट की बुकिंग की थी. उसने कुल 12 लाख पन्द्रह हजार रुपए जमा करवा दिए, लेकिन अनुबंध की शर्तें सही नहीं होने पर उसने फ्लैट का आवंटन निरस्त कर जमा राशि वापस करने का आग्रह किया. वहीं बिल्डर ने 2 लाख 12 हजार रुपए की कटौती कर बाकी राशि लौटा दी.


परिवाद में कहा गया कि अनुबंध में गलत तरीके से शर्ते जोडने के कारण उसने आवंटन निरस्त करवाया था. इसके अलावा बिल्डर ने फ्लैट का समय पर कब्जा भी नहीं दिया और जमा राशि में से अनुचित तरीके से राशि की कटौती की गई है. इसलिए उसे काटी गई राशि ब्याज व हर्जाने सहित दिलवाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने परिवादी के पक्ष में फैसला देते हुए काटी गई राशि ब्याज सहित लौटाने के साथ ही हर्जाना राशि अदा करने को कहा है.


Reporter- mahesh pareek