गहलोत के करीबी मंत्रियों पर दिव्या मदेरणा का बड़ा वार, इतिहास याद दिलाते हुए लगाया अनुशानसहीनता का आरोप
Divya Maderna On Gehlot Camp: अशोक गहलोत के करीबी मंत्री महेश जोशी और शांति धारीवाल पर दिव्या मदेरणा ने बड़ा सियासी वार किया है, साथ ही इतिहास याद दिलाते हुए अनुशानसहीनता का आरोप भी लगाया.
Divya Maderna On Gehlot Camp: राजस्थान की सियासी में संकट के बादल गहराते जा रहे हैं. एक ओर जहां अशोक गहलोत के खेमे ने आलाकमान से बगावत कर अड़ गए हैं, तो वहीं सचिन पायलट के खेमे में फिलहाल शांति दिखाई दे रही है. इसी बीच पार्टी लाइन के साथ खड़े नेताओं ने बगावती रुख अपनाने वाले गुट पर हमला तेज कर दिया. तेजतर्रार नेताओं में शुमार ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने अब मुख्यमंत्री गहलोत के सबसे भरोसेमंद मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी पर निशाना साधा है.
दिव्या मदेरणा ने महेश जोशी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरासर अनुशासनहीनता है. महेश जोशी जी सोच रहे हैं कि वह कांग्रेस हाईकमान से ऊपर हैं. कांग्रेस अध्यक्ष को स्पष्ट निर्देश दे रहे हैं कि क्या करें और क्या न करें. हाईकमान निश्चित रूप से जानता है कि कौन पार्टी को मजबूत या कमजोर करेगा. मुझे नहीं लगता कि दिल्ली के शीर्ष नेताओं को उनकी फर्जी सलाह की जरूरत है.
दरअसल दिव्या मदेरणा ने महेश जोशी के एक बयान पर पलटवार करते हुए हमला बोला. जोशी ने कहा था कि आलाकमान किसी को भी सीएम बना सकता है, नया सीएम बना सकता है या फिर सीएम गहलोत को बरकरार रख सकता है, यह पार्टी के खिलाफ बगावत करने वालों में से नहीं, कमजोर करने की कोशिश की गई.
ओसियां विधायक ने कहा कि मैं शांति धारीवाल के बयान की निंदा करती हूं और मैं पुष्टि करती हूं कि ऑब्जर्वर कांग्रेस हाईकमान के नाम पर केवल एक लाइन प्रस्ताव पारित करता है और उसके बाद प्रत्येक विधायक से एक-एक करके उनकी भावनाओं को जानने के बाद हाईकमान को अवगत कराता है. आलाकमान और कांग्रेस संस्कृति के संबंध में पार्टी ने हमेशा एक पंक्ति प्रस्ताव पारित किया है. शांति धारीवाल संसदीय कार्य मंत्री के रूप में स्वयं सीएलपी बैठक का बहिष्कार करना अनुशासनहीन होने का सर्वोच्च उदाहरण है. अगर धारीवाल खुद को कांग्रेस के कट्टर वफादार होने का दावा करते हैं, तो उन्हें शालीनता से स्वीकार करना चाहिए था कि हाई-कमान अगले सीएम के रूप में किसे प्रस्तावित करेगा, भले ही नाम 19 विधायकों का हो या 102 विधायकों का. कांग्रेस का कोई वफादार इस तरह का व्यवहार नहीं करता.
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धारीवाल पर आगे निशाना साधते हुए कहा कि 1998, 2008, 2018 में जब एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित किया गया तो यह सब अच्छा था क्योंकि यह आपके व्यक्तिगत हित के अनुकूल था. आज आपकी अपनी राजनीतिक असुरक्षा के कारण हमेशा के लिए स्वीकृत एक पंक्ति का संकल्प इतना अस्वीकार्य है और आप अभी भी खुद को पार्टी के वफादार कहते हैं. 1998 में परसराम मदेरणा और पूरे किसान समुदाय के अनुकूल था, 2008 में यह डॉ सीपी जोशी और पूरे ब्राह्मण समुदाय के अनुरूप था, 2018 में यह सचिन पायलट और पूरे गुर्जर समुदाय के अनुरूप नहीं था, ये सब एक पंक्ति के संकल्प से निकले निर्णय हैं लेकिन हर दशक में सभी ने इसे स्वीकार किया. लेकिन यह पिछले 22 वर्षों के लिए एक निश्चित खंड के अनुकूल है. यह पहली बार था कि एक पंक्ति का संकल्प कुछ खास वर्गों के लिए अपने राजनीतिक हित के लिए उपयुक्त था और उन्होंने विद्रोह कर दिया. जब यह आपके अनुकूल हो तो आलाकमान का निर्णय स्वीकार्य है और जब यह आपके अनुरूप नहीं है तो आप आप बगावत करते हैं.’