Diwali 2022: दो सालों के बाद दिवाली पर धूम दिखाई दे रही है. बाजारों में पटाखों से लेकर साज- सजावट की दुकानें सज चुकी हैं लेकिन इसी बीच त्योहारी सीजन में दूध और मावा की मांग सबसे ज्यादा बढ़ी हुई हैं और दुकानदारों के पास कमाई का अच्छा मौका भी है. जिसके चलते बाजारों में धड़ल्ले से मिलावटी मिठाईयों, मावा और नकली दूध बेचा जा रहा हैं. आखिर कैसे  इस दीवाली मिलावट से आप बच सकते हैं .


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विशेषज्ञों का कहना है कि आप खुद से भी मिलावटी चीज की पहचान कर सकते हैं. इस दीवाली रंगों वाली मिठाई से दूरी बनाएं क्योंकि सिंथेटिक कलर आपकी सेहत के लिए घातक हो सकता है.  इस तरह से मिलावट की पहचान करें.


 ऐसे जांचें शुद्धता 


  •  मावा या खोया को अपने अंगूठे के नाखून पर रगड़ें 

  •  अगर यह असली है तो इसमें से घी की महक आएगी और खुशबू देर तक रहेगी 

  •  हथेली पर खोया की गोली बनाएं 

  •  अगर यह फटने लग जाए तो समझिए मावा नकली है या इसमें मिलावट की गई है 

  •  2 ग्राम मावा का 5 मिलीलीटर गरम पानी में घोल लें और इसे ठंडा होने दें 

  •  ठंडा होने के बाद इसमें टिंचर आयोडीन सॉल्यूशन डालें 

  •  अगर खोया नकली होगा तो इसका रंग नीला हो जाएगा 

  •  मावे में थोड़ी चीनी डालकर गरम करने पर यह पानी छोड़ने लगे तो यह नकली है 

  •  थोड़ा मावा आप खाकर देखिए, अगर असली होगा तो मुंह में नहीं चिपकेगा जबकि नकली मावा चिपक जाएगा 

  •  असली मावे को खाने पर कच्चे दूध जैसा स्वाद आएगा नकली मावे को परखने के लिए पानी में डालकर फेंटने से वह दानेदार टुकड़ों में अलग हो जाएगा 


आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ करने वाले सौदागर मिलावटी मावा से बनी मिठाइयों को घरों तक पहुंचाने के लिए मिलावटखोर पूरी तरह सक्रिय हैं. प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई में रोज मिलावट की खेप पकड़ में आ रही है. ऐसे में आशंका है कि दुकानों तक पहुंचने वाले मावा, दूध, पनीर, घी और अन्य खाद्य पदार्थों में बड़ी संख्या में मिलावट हो सकती है. 


दीपावली नजदीक आते ही बाजार में नकली मिठाई और मावा बेचने वाले दुकानदार काफी सक्रिय हो गए हैं और इन पर नकेल कसने के लिए विभाग भी अलर्ट है. दीवाली से पहले राजस्थान में ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत बड़े पैमाने पर मिलावटी दूध, पनीर और मावे के खिलाफ कार्रवाइयां की जा रही हैं. राजस्थान के मेवात इलाके के अलवर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की. इस इलाके में विभाग ने 1500 लीटर मिलावटी दूध को जब्त कर उसे खेत में फेंकवा दिया. दूध में मिलावट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इससे आसपास के इलाके में भारी दुर्गंध फैल गई. 


चलाया जा रहा 'शुद्ध के लिए युद्ध अभियान'


दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश वासियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. मिलावटखोरों के खिलाफ राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है. कोई भी व्यक्ति मिलावट की शिकायत और सूचना हेल्पलाइन नंबर 181 और कलेक्टर व संबंधित अधिकारियों को आसानी से दे सकता है. उसकी पहचान भी गोपनीय रखी जाएगी. अभियान की अवधि में मिलावटखोरों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए सूचना देने वालों को ''अनसेफ फूड'' प्रमाणन पर 51,000 रुपये और ''सब-स्टेंडर्ड'' होने पर 5,000 रु. की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.  चालान के वक्त प्रोत्साहन राशि का आधा हिस्सा सूचना देने वाले व्यक्ति को दे दिया जाएगा.


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