Burn on Diwali: दिवाली पर पटाखों ने छीन ली 6 लोगों की आंखों की रोशनी, 80 लोग गंभीर रूप से घायल
दिवाली के दिन राजस्थान में आग लगने की कई घटनाएं दर्ज की गईं. जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के आंकड़ों के अनुसार, आतिशबाजी के कारण 80 से अधिक लोग घायल हुए. राज्य के विभिन्न जिलों से आग लगने की घटनाओं की रिपोर्टें मिलीं, जिनमें कई लोगों को गंभीर चोटें आईं.
Burn on Diwali 2024: दिवाली के दिन राजस्थान में आग लगने की कई घटनाएं दर्ज की गईं. जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के आंकड़ों के अनुसार, आतिशबाजी के कारण 80 से अधिक लोग घायल हुए. राज्य के विभिन्न जिलों से आग लगने की घटनाओं की रिपोर्टें मिलीं, जिनमें कई लोगों को गंभीर चोटें आईं. यह घटनाएं दिवाली के दौरान सावधानी बरतने की आवश्यकता को दर्शाती हैं. अधिकारियों ने लोगों से सावधानी से आतिशबाजी करने और आग से बचाव के उपाय करने की अपील की.
दिवाली भारत में खुशियों का त्योहार है, जिसमें लोग अपने घरों और दुकानों को सजाकर माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं और समृद्धि की कामना करते हैं. इस त्योहार की एक परंपरा आतिशबाजी भी है, लेकिन इससे आग लगने की घटनाएं और वायु प्रदूषण बढ़ने की समस्याएं भी आती हैं. राजस्थान में 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को मनाई गई दिवाली के दिन कई आग लगने की घटनाएं सामने आईं, जिनमें कई लोग घायल हो गए. जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में 80 से अधिक लोग आतिशबाजी के कारण घायल होने के मामले दर्ज किए गए.
SMS Hospital में पहुंचे 80 मरीज
जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (एसएमएस हॉस्पिटल) में दिवाली के दिन आतिशबाजी के कारण 80 से अधिक लोग घायल होने के मामले दर्ज किए गए. हॉस्पिटल के अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 10 मरीजों की स्थिति गंभीर है, जिन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है. इसके अलावा, करीब आधा दर्जन बच्चों की आंखों की रोशनी बुरी तरह से प्रभावित हुई है, जिससे उनकी दृष्टि पर खतरा मंडरा रहा है. यह घटनाएं दिवाली के दौरान सावधानी बरतने की आवश्यकता को दर्शाती हैं.
OT में चालू रही 24 घंटे सेवा...
डॉक्टर सुशील भाटी, एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक ने, बताया कि दिवाली के दिन अस्पताल में दिन-रात ऑपरेशन थिएटर चलाए गए. लगभग 80 मरीज आग की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस कर अस्पताल पहुंचे, जिनमें से 10 की स्थिति बहुत गंभीर है. अस्पताल ने तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान की.
एसएमएस हॉस्पिटल के डॉक्टर ने दी जानकारी
एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर सुशील भाटी ने आगे बताया कि दिवाली के दिन आतिशबाजी के कारण 6 बच्चों की आँख में बारूद जाने से उनकी विजन प्रभावित हुई है. डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन के बाद भी केवल 10 फ़ीसदी रोशनी आने की उम्मीद है, और बच्चों की आँखों की रोशनी लगभग जा चुकी है. पीड़ित बच्चों में झुंझुनू निवासी यश, धौलपुर निवासी भावना, नागौर निवासी राजकुमार सहित अन्य शामिल हैं. यह घटनाएं दिवाली के दौरान सावधानी बरतने की आवश्यकता को दर्शाती हैं और आतिशबाजी के खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं.
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