Jaipur : प्रदेश की बहुमंजिला इमारतों में पानी पहुंचाने की कवायद शुरू हो गई है. मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में पेयजल के लिए एक बार फिर से सरकार पॉलिसी बना रही है,जल्द ही राज्य में नई नीति लागू होगी. विभाग के इंजीनियर्स ने नीति को अंतिम रूप दे रहे है. संभवतया इसी सप्ताह नई नीति लागू होगी. पिछली सरकार में भी नीति बनाकर बहुमंजिला इमारतों तक पानी पहुंचाने की कवायद की थी,लेकिन वो नीति फेल रही थी.


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जल संरक्षण की पहल करेगा विभाग
फिलहाल बिल्डर्स, निजी टाउनशिप डवलपर्स के साथ ही रेजीडेन्ट वेलफेयर सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जलदाय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पेयजल उपलब्धता की विकट स्थिति और लगातार गिरते जा रहे भूजल स्तर को देखते हुए बहुमंजिला इमारतों, टाउनशिप डवलपर्स को जल संरक्षण की दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और अधिक से अधिक इमारतों में सीवरेज के पानी को ट्रीट कर वॉशरूम और पौधों को पानी पिलाने के लिए इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जाए.


ये थे कड़े नियम, जिससे नीति फेल हुई
नवंबर 2016 के सर्कुलर में 15 मीटर तक ऊंची बिल्डिंग में फ्लैट खरीदने वाले कनेक्शन ले सकते थे, लेकिन इससे ज्यादा ऊंची बिल्डिंग में एक कनेक्शन का प्रावधान था. यह हाउसिंग सोसायटी या निवास कल्याण संघ के नाम दिया जाता है. इसके लिए बिल्डिंग मालिक, बिल्डर, निवास कल्याण संघ को भूतल पर टैंक बनवाना पड़ता. संघ को हर फ्लैट से पानी बिल का कलेक्शन कर विभाग में जमा करवाना होता. पहले से बनी बिल्डिंगों के कुछ फ्लैट खाली थे.डिमांड राशि जमा नहीं होने से कनेक्शन नहीं हो रहे थे. इसलिए ये नीति फेल हुई.


सीएम जनआवास योजना में पॉलिसी का अलग से प्रावधान
मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत बनी बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोगों को पेयजल कनेक्शन देने के लिए पॉलिसी में अलग से प्रावधान करने के निर्देश दिए, ताकि कम आय वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिल सके. बहुमंजिला इमारतों और निजी टाउनशिप में रह रहे लोगों को पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में कोई व्यावहारिक नीति नहीं होने के कारण लम्बे समय से इन इमारतों में रहने वाले लोगों को पेयजल कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं.


लेकिन एक बार फिर से नीति बनने के बाद बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोगों की उम्मीद बढ गई है. ऐसे में देखना होगा कि अबकी बार नीति कितनी कैसी होती है और जनता को कितनी राहत मिल पाती है.


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