बस्सी/जयपुर: बस्सी कस्बे में पानी की वर्षों पुरानी योजना धरातल पर आने से शहर वासियों को पेयजल समस्या से जल्द ही निजात मिलने वाली है. इसके लिए जलदाय विभाग में काम तीव्रता से चल रहा है. जानकारी के अनुसार जलदाय विभाग की ग्रामीण पेयजल योजना को शहरीकरण में तब्दील करने के लिए बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक लक्ष्मण मीना की मांग पर 19 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे.


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योजना को चालू करने के लिए विभाग ने गत वर्ष ही टैण्डर प्रक्रिया पूरी कर ली थी, लेकिन एक संवेदक ने न्यायालय से स्थगन आदेश जारी करवा लिया था. इससे योजना खटाई में चली गई थी. लेकिन कुछ दिनों पहले संवेदक ने स्थगन आदेश वापस लेने के लिए लिखित में पत्र दे दिया था. इसके बाद अब न्यायालय ने स्थगन आदेश खारिज कर दिया है. अब जलदाय विभाग वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया कर रहा है. इसी पखवाड़े में वर्कऑर्डर जारी होने की उम्मीद है और इसी महीने के दूसरे पखवाड़े में योजना का काम शुरू होने की पूरी उम्मीद है.


शहर में वर्तमान में पेयजल की स्थिति


बस्सी शहर की 35 हजार की आबादी में विभाग करीब 20 लाख लीटर पानी प्रतिदिन उत्पादन बता रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि इतने पानी का उत्पादन हो ही नहीं रहा है. जानकारी के अनुसार शहरी इलाके में एक व्यक्ति को एक दिन में 70 लीटर पानी की जरूरत होती है. ऐसे में पूरे शहर को प्रतिदिन 24 लाख 50 हजार लीटर पानी की जरूरत है. सूत्रों की माने तो शहर में प्रतिदिन बीसलपुर परियोजना से करीब 6 लाख लीटर पानी मिलता है और शेष 14 लाख लीटर पानी 33 ट्यूबवैलों सें मिलता है. लेकिन हकीकत यह है कि इतने पानी उत्पादन केवल कागजों में ही हो रहा है.


बस्सी में पानी की डिमांड


- पानी का प्रतिदिन उत्पादन 20 लाख लीटर


- बस्सी में पानी के स्रोत - 5 लाख लीटर बीसलपुर परियोजना से मिल रहा


- बस्सी में ट्यूबवैल से पानी उत्पादन - 15 लाख लीटर


- शहर में पानी के कनेक्शन - 3227


सात उच्च जलाशय बनेंगे


बस्सी शहर में जलदाय विभाग की शहरीकरण योजना में 19 करोड़ रुपए स्वीकृत है. इसमें बस्सी नगरपालिका इलाके में 7 उच्च जलाशय व पम्प हाउस के समीप पानी स्टोर के लिए 3 जलाशय बनाने एवं पाइप लाइन बिछाने का काम किया जाएगा. एक संवेदक ने बताया कि न्यायालय से स्थगन आदेश ले लिया था, अब वह स्टे खारिज हो गया है. टेंडर तो पहले ही हो गए थे. अब तो इसी महीने में वर्कऑर्डर जारी होकर काम शुरू होने वाला है.