Earthquake Alert: फ्रैंक हूगरबीट्स ने भारतीय उपमहाद्वीप में बड़ा भूकंप आने का दावा किया है. हूगरबीट्स के मुताबिक ये भूकंप हिंद महासागर क्षेत्र पर यानी भारत, अफगानिस्तान और पाकिस्तान क्षेत्र के आसपास के इलाकों में आ सकता है. हुगरबीट्स ने अपने दावे को पुख्ता करते हुए कहा कि ये भविष्यवाणी कोई कोरी नहीं है बल्कि ग्रहों की चाल और उनके प्रभाव पर आधारित हैं. बता दें कि ये वहीं फ्रैंक हूगरबीट्स है जिसने सीरिया और तुर्की में भूकंप की भविष्यवाणी की थी. तुर्की में आए भूकंप से अब तक 30,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. 


भूकंप वाला वीडियो सोशल मीडिया पर डरा रहा


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फ्रैंक हूगरबीट्स का एक ट्वीट और वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया है. जारी किए गए इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि आने वाले समय में हिंद महासागर क्षेत्र में भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के क्षेत्र पर भूंकप का साया मंडरा सकता है. फ्रैंक की भविष्यवाणी में किसी बड़ी अनहोनी की ओर इशारा कर रहा है. उन्होंने बड़े भूकंप के लिए भूकंपीय गतिविधि की भविष्यवाणी की है जो अफगानिस्तान में केंद्र होगा और हिंद महासागर तक पहुंचने से पहले पाकिस्तान और भारत में तबाही मचाएगी.



कौन हैं फ्रैंक हूगरबीट्स? 


फ्रैंक हूगरबीट्स सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे यानी SSGEOS के लिए काम करते हैं. फ्रैंक हूगरबीट्स ग्रहों की चाल के आधार पर भूकंप की भविष्यवाणी करते हैं. SSGEOS एक शोध संस्थान है, जो भूकंप की गतिविधि का अनुमान लगाने के लिए आकाशीय पिंडों जैसे ग्रहों की निगरानी करता है. 


 फ्रैंक के दावे डरा रहे


सोशल मीडिया पर फ्रैंक के वीडियो जारी करने के बाद लोगों के भीतर डर का माहौल बढ़ गया है. वहीं  भूकंप आने की तारीख और समय को लेकर भी सवाल किया जा रहा है. जब खड़ा हुआ तो फ्रैंक की प्रतिक्रिया भी सामने आई. अपनी प्रतिक्रिया में फ्रैंक ने कहा कि वैज्ञानिक केवल भूकंप आने का अंदाजा लगा सकते हैं. हम तारीख समय और सटीक लोकेशन की जानकारी देने में सक्षम नहीं हैं. 


आएगा भूकंप तो भारत में कितना होगा असर


फ्रैंक हूगरबीट्स ने ये कहा कि उनकी संस्था ने इतिहास में आए भीषण भूकंपों के बारे में रिसर्च की है. उनकी संस्था ग्रहों की स्थिति देखकर भूकंप का अंदाजा लगाती है. फ्रैंक ने ये भी बताया कि हो सकता है कि यह भूकंप 2001 की तरह भारत पर अपना असर डाले. लेकिन कुछ भी निश्चित तौर पर कहा नहीं जा सकता है.


भारतीय वैज्ञानिकों को फ्रैंक दे सकते है सटीक जानकारी


फ्रैंक का कहना है कि वर्तमान में उनके पास तकनीक के विस्तार को लेकर कोई साधन नहीं है. फ्रैंक ने बताया कि उन्होंने तुर्किए के वैज्ञानिक से संपर्क किया था, कुछ वैज्ञानिकों की इसमें दिलचस्पी हैं. लेकिन ज्यादातर वैज्ञानिकों की इसमें रुचि नही है.  जब उनसे भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, अगर भारत सरकार मुझसे संपर्क करती है, तो हमारे पास जो जानकारी है, उसे साझा करने के लिए मैं बिल्कुल तैयार हूं.