कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सवाल पर गहलोत की चुप्पी, बदलते बयानों के क्या मायने
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बदलते बयानों से राजनीतिक पंडित भी असमंजस में हैं. मुख्यमंत्री गहलोत से मंगलवार को जब राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के नॉमिनेशन को लेकर सवाल पूछा गया तो वह चुप्पी साधकर सवाल को टाल गए.
Jaipur: कांग्रेस के संगठन चुनावों का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. इन सबके बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को जोधपुर में पत्रकारों से बातचीत में अगले बजट को युवाओं को समर्पित करने की बात कहते हुए कई तरह के संकेत देने की कोशिश की. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा हमने पिछली बार किसानों के लिए अलग बजट पेश किया था.
हमारी कोशिश रहेगी कि हम इस बार राजस्थान में युवाओं के मुद्दों पर आधारित बजट पेश करें. युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए राजस्थान सरकार कई तरह के नवाचार कर रही है. आने वाले बजट में सरकार का फोकस युवाओं पर रहने वाला है, हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत से जब राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर नॉमिनेशन को लेकर सवाल पूछा गया तो गहलोत ने नमस्कार कहते हुए सवाल को टाल दिया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 3 दिवसीय जोधपुर दौरे पर हैं. जहां उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया है. मुख्यमंत्री ने स्थानीय नागरिकों से बातचीत भी की. राजीव गांधी ग्रामीण खेलों का शुभारंभ किया और सीएम उस स्कूल के स्थापना दिवस समारोह में भी गए जहां उन्होंने अध्ययन किया था.
बयानों को लेकर राजनीतिक पंडित भी असमंजस में
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बदलते बयानों पर राजनीतिक पंडित भी असमंजस में हैं. सीएम गहलोत इस मुद्दे पर लगातार बयान बदल रहे हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कहा था कि वह राजस्थान से बाहर नहीं जाएंगे. उन्हें जो गुजरात के ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी दी गई है, उसी को निभाएंगे. इसके बाद बाढ़ के निरीक्षण के दौरान उन्होंने हाड़ौती क्षत्र में पत्रकारों से बात के दौरान कहा था कि आलाकमान उन्हें जो जिम्मेदारी देगा, उसे वह स्वीकार करेंगे. अब मंगलवार को जब जोधपुर में उनसे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के नामांकन की बात कही गई, तो वह नमस्कार करके आगे बढ़ गए. ऐसे में राजनितिक विश्लेषक भी असमंजस में हैं कि आखिर सीएम गहलोत के दिमाग में चल क्या रहा है.
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