जयपुर: उत्तर पश्चिम रेलवे पर ट्रेक विधुतीकरण कार्य में भारतीय रेलवे में दूसरे नम्बर की उपलब्धि प्राप्त की है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में पर्यावरण अनूकुल रेल संचालन के लिये रिकार्ड 680 किलोमीटर ब्राडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है.वर्ष 2021-22 में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण करने में उत्तर पश्चिम रेलवे ने भारतीय रेलवे पर दक्षिण मध्य रेलवे के बाद द्वितीय स्थान पर रहने की उपलब्धि प्राप्त की है.उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक कुल 2864 किलोमीटर मार्ग के विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया जा चुका है.


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उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि महाप्रबन्धक विजय शर्मा के दिशा-निर्देशन में उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किये जा रहे है. दिसम्बर 2023 तक सभी रेलखण्डों को विद्युतीकृत करने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रहा है.इस वर्ष अजमेर-दौराई, ब्यावर-गुड़िया, मदार-बाईपास-आदर्शनगर, नोहर-हनुमानगढ, चूरू-रतनगढ, रींगस-सीकर-झुझुंनू-लोहारू, मदार-पुष्कर, रतनगढ़-सरदारशहर-बनीसर, हिसार-सूरतपुरा एवं मारवाड-लूनी-जोधपुर रेलखण्डों का विद्युतीकरण पूर्ण किया गया है.


उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मण्डल के मारवाड-लूनी व लूनी-जोधपुर रेलखण्ड के 104 किलोमीटर मार्ग का रिकार्ड समय में विद्युतीकरण होने के बाद जोधपुर का विद्युतीकृत रेललाइन के साथ सम्पर्क स्थापित हो गया है. इन रेलखण्डों पर विद्युतीकरण कार्य होने के बाद जोधपुर मण्डल भी विद्युतीकृत रेल लाइनों वाले मण्डलों में सम्मिलित हो गया है.उत्तर पश्चिम रेलवे के सभी चारों मण्डल विद्युतीकृत रेल लाइनों वाले मण्डलों में सम्मिलित है.


47 जोड़ी रेल इलेक्ट्रीक हुई


उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 47 जोड़ी रेल सेवाओं को डीजल से इलेक्ट्रिक एक्सेंटशन पर स्विच किया गया है. वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 68 जोड़ी यात्री रेल सेवाएं इलेक्ट्रिक एक्सेंटशन पर संचालित हो रही है.
पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन के तहत भारतीय रेलवे पर दिसम्बर 2023 तक सभी रेलखण्डों के विद्युतीकरण के कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर सभी रेलखण्डों के विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत है. दिसम्बर 2023 तक सभी रेलखण्डों के विद्युतीकरण के लिये लक्ष्यानुसार कार्य किये जा रहे हैं.