हर साल करीब 1 लाख लोग लिवर सिरोसिस से गंवाते हैं अपनी जान, क्या आप हैं इससे सतर्क?
लिवर सिरोसिस से देश में हर साल 10 लाख से अधिक मरीज सामने आते है. सह आचार्य डॉ अशोक झाझड़िया ने बताया कि ओपीडी में पीलिया, पेट में पानी भरे होने, खून की उल्टी होने जैसे लक्षणों के मरीज आते है.
Jaipur: देश में हर साल करीब 1 लाख लोग लिवर सिरोसिस बीमारी से अपनी जान गंवाते हैं. देश में लिवर सिरोसीर बीमारी लगातार विकराल रूप ले रही है. लिवर सिरोसिस एक तरह की क्रोनिक बीमारी है. जिसमें लिवर के स्वस्थ ऊत्तक नष्ट होने लगते हैं और ऐसे में लिवर ठीक से अपना काम करना बंद कर देता है. ऐसे में स्थिति गंभीर होने पर मरीज की जान तक चली जाती है. लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जो रक्त हानिकारक और विषाक्त पदार्थों को अलग करता है और साथ ही खाने-पीने को ऊर्जा और पोषक तत्त्वों में बदलता है लेकिन स्वास्थ्य के प्रति थोड़ी सी भी लापरवाही का असर सीधा लिवर पर पड़ता है
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लिवर सिरोसिस की बीमारी सामान्यत जीवनशैली और खानपान से जुड़ी हुई है. भारत में लोग मोटापे के अधिक शिकार हो रहे है. जिसके चलते भी लिवर खराब होने का खतरा अधिक है. लिवर सिरोसिस के कारणों को लेकर SMS अस्पताल के वरिष्ठ लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ श्याम सुंदर शर्मा ने बताया की लिवर सिरोसिस बीमारी के कारणों की बात करें तो वायरल हेपेटाइटिस, अधिक शराब पीने, अनियंत्रित डायबिटीज भी बड़ा कारण है. इसके अलावा कई बार आयुर्वेदिक दवाइयों के अधिक उपयोग के कारण भी लिवर खराब होने का खतरा रहता है. टीबी की दवाइयां लम्बे समय तक लेने से हेपेटाइटिस की समस्या बढ़ जाती है.कई बार अधिक समस्या बढ़ने पर सिरोसिस भी हो सकता है.
हर साल देश में 10 लाख मरीज लिवर सिरोसिस के
लिवर सिरोसिस से देश में हर साल 10 लाख से अधिक मरीज सामने आते है. प्रदेश के सबसे बड़े SMS अस्पताल की ही बात करने तो अस्पताल प्रतिदिन गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की ओपीडी में 600 मरीज आते हैं जिनमें से 60 से 70 मरीज लिवर सिरोसिस के होते है. SMS अस्पताल के सह आचार्य डॉ अशोक झाझड़िया ने बताया कि ओपीडी में पीलिया, पेट में पानी भरे होने, खून की उल्टी होने जैसे लक्षणों के मरीज आते है. जिनकी जांच कराने पर पता चलता है की मरीज को लिवर सिरोसिस है.
इनमें अधिकांश मरीज गंभीर अवस्था में भी आते हैं. इसमें कहा यही जा सकता है की लिवर पूरी तरह से खराब होना. डॉ श्याम सुंदर शर्मा का कहना है की SMS अस्पताल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में भर्ती मरीजों में से 30 फीसदी मरीज इस समस्या के चलते भर्ती करना पड़ा है. इसमें से जो मरीज अधिक गंभीर है जैसे पीलिया अधिक होना, पेट में पानी भरा होना या खून की उल्टियां हो रही है वो मरीज गंभीर होते हैं. जिन्हें हम लिवर ट्रांसप्लांट की ही सलाह देते है लेकिन ऐसे स्थिति में आने पर मरीज की जान बचाना बेहद मुश्किल होता है.
जागरूकता अभियान जारी लेकिन जानकारी नहीं
लिवर सिरोसिस गंभीर के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है लेकिन जानकारी के आभाव में समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा. वायरल हेपेटाइटिस पर डब्ल्यूएचओ ग्लोबल हेल्थ सेक्टर स्ट्रैटेजी ने 2030 तक वायरल हेपेटाइटिस के आंकड़ों में 90 प्रतिशत की कमी लाने और मृत्युदर में 65 प्रतिशत की कमी लेन का रोडमेप तैयार किया है. जिसकपर काम करते हुए WHO ने हेपेटाइटिस बी और सी को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर देश में टीकाकरण का सघन अभियान चलाया जा रहा है .