Jaipur Fake registration case in PHED :  जलदाय विभाग में फर्मों की जांच पर ब्रेक लग गया है. इंजीनियर्स और ठेकेदारों के गठजोड़ के कारण फर्मों के फर्जीवाड़े की जांच अटकी पड़ी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चीफ इंजीनियर से लेकर ऊपर तक के अफसर मामले को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे लेकिन अब नए मंत्री कन्हैयालाल चौधरी से पूरी उम्मीद है कि फर्जी फर्मों पर तलवार चलेगी. आखिरकार जलदाय विभाग में कैसा खेल चल रहा. पढ़ें पूरी खबर


महादेव से प्रार्थना, फर्जीवाड़े पर वार


जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी की टोडारायसिंह के किलेश्वर महादेव की गहरी आस्था है. इसलिए पदभार के दौरान अपने दफ्तर में इसी मंशा के साथ मंत्री जी ने पूजा की कि जलदाय विभाग में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े को खत्म करेंगे. तभी उन्होंने विभाग की सभी फर्मों की जांच करवाने का दावा किया, लेकिन जलदाय महकमे में काफी समय से फर्जीवाड़े को दबाने का काम किया जा रहा है इसलिए जलदाय मंत्री को आज महकमे की ऐसे ही केसेज की परतें खोल रहा है.


 


केस  No 1.  बजरंगबली फर्म-फर्जी प्रमाण की जांच अटकी



बाड़मेर में रेतीली जमीन पर 400 ट्यूबवेल खोदने के लिए 31.28 करोड़ काम देने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें फर्म बजरंगबली कॉन्ट्रैक्ट की शिकायत हुई थी. टैंडर में एक वित्तीय वर्ष में फर्म को 10 करोड़ 42 लाख के रेतीली धरातल पर रोटरी मशीन से ट्यूबवेल खोदने का अनुभव जरूरी था लेकिन बजरंगबली फर्म ने टैंडर में जो अनुभव प्रमाण पत्र लगाए है वो कॉम्बिनेशन स्ट्रेटा के थे.


यानी रेतीले और पथरीले धरातल दोनों का अनुभव था. जबकि टैंडर शर्त के तहत फर्म को 10 करोड़ 42 लाख के रेतीले धरातल पर काम अनुभव जरूरी है लेकिन इसके बावजूद अतिरिक्त मुख्य अभियंता जोधपुर सैकंड ने सभी नियमों का ताक पर रखते हुए मिलीभगत कर फर्म को टैंडर दे दिए. तत्कालीन डीएस गोपाल सिंह की जांच में अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए, लेकिन फर्म को ब्लैक लिस्टेड करने की बजाय बचाने की कोशिश की जा रही.
 


केस No 2. मैसर्स बीएसआर फर्म-रजिस्ट्रेशन ही फर्जी !


 


पीएचईडी की डबल ए क्लास बीएसआर फर्म के फर्जी रजिस्ट्रेशन की शिकायत की गई. जिसमें प्राइवेट कंपनी साउथ वेस्ट पीनाकल के अनुभव पत्र से फर्जी पत्र लेने का जिक्र किया. नियमों के तहत सरकारी विभाग से काम का अनुभव जरूरी है. पीएचईडी में कंस्ट्रक्शन के साथ कमीश्निंग की एक्सपीरियंस आवश्यक है.


इसकी जांच मुख्य अभियंता आरके मीणा कर रहे थे लेकिन उनसे जब पूछा तो जांच से साफ इंकार कर दिया. अब यानि पूरी पिक्चर गोल-गोल घूम रही है. आरके मीणा पल्ला झाड़ते हुए झूठ बोल रहे है.


केस No. 3 मैसर्स मांगीलाल विश्नोई फर्म


मैसर्स मांगीलाल विश्नोई के खिलाफ शिकायत थी कि कुछ रिंग मशीनों का 2014 में ही रजिस्ट्रेशन वैधता समाप्त हो गई. 10 साल से ट्यूबवेल खोदने का काम चल रहा है.शिकायत के एक महीने बाद भी अब तक जांच पूरी नहीं हुई. जल जीवन मिशन चीफ इंजीनियर आरके मीणा ने जांच रिपोर्ट ही नहीं सौंपी.जिसको लेकर आरके मीणा को नोटिस भी दिया गया है.


वैसे जब जी मीडिया ने चीफ इंजीनियर से जांचों पर सवाल पूछा था तो इन तीनों फर्मों के मालिक एक साथ उनके दफ्तर में गुफ्तगू कर रहे थे. जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी से फर्जीवाड़े पर जी मीडिया ने सवाल पूछा तो उनका कहना था कि जिनकी जांच चल रही, वो निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी. वैसे भी पदमचंद जैन के 900 करोड़ के भ्रष्टाचार पर ईडी ने छापे मारे थे, उसमें फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र टैंडर हासिल किए थे.


 


100 प्रतिशत सभी फर्मों की जांच होगी- जलदाय मंत्री


 


लेकिन मंत्री जी आपके विभाग में इंजीनियर और ठेकेदारों के गठजोड़ का पुराना खेल जारी है.फर्जीवाड़े के जांचों की फाइले दबी हुई है. वैसे मंत्री ने तो सभी 100 प्रतिशत फर्मों की जांच का दावा किया है. ऐसे में विभाग में फर्जीवाडे के और बड़े खेल खुलने वाले है.