राजस्थान में यहां शुभ होता है सांप का काटना, छूमंतर हो जाती है बीमारी
Rajasthan Famous Fair: राजस्थान में सालभर में कई मेलों का आयोजन किया जाता है, जहां दुनियाभर से पर्यटक राजस्थानी लोक नृत्य, सुंदर हस्तशिल्प, व्यंजन आदि देखने और चखने आते हैं. इन मेलों में राजस्थानी कपडे़, लोक गीत कई प्रतियोगिताएं होती हैं.
Rajasthan Famous Fair: राजस्थान राज्य भारत के उत्तर-पश्चिम में स्थित सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है. राजस्थान का नाम आते ही हमारे आंखों के सामने वहां की संस्कृति, खान-पान, बोलचाल आदि चीजें घूमने लगती हैं. राजस्थान राज्य बेहद रंगीन ही है, यहां की भाषा से लेकर संस्कृति रीति- रिवाज सब कई रंगों मे घूले हुए हैं. राजस्थान में सालभर में कई त्योहार मनाए जाते हैं, जिन्हें बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.
इसी के साथ यहां सालभर में कई मेलों का आयोजन किया जाता है, जहां दुनियाभर से पर्यटक राजस्थानी लोक नृत्य, सुंदर हस्तशिल्प, व्यंजन आदि देखने और चखने आते हैं. इन मेलों में राजस्थानी कपडे़, लोक गीत कई प्रतियोगिताएं होती हैं. आइए ऐसे ही कुछ मेलों के बारे में हम आपको बताते हैं:
ऊंट मेला
राजस्थान के पुष्कर को ऊंट मेला विशेष रूप से जाना जाता है और इस मेले में भारत के मवेशियों का सबसे बड़ा व्यापार है. यह मेला दुनिया के सबसे बडे़ ऊंट मेलों में एक है. यहां बड़ी तदाद में लोग यहां पशुधन को खरीदने और बेचने आते हैं. इस मेले में मटका फाद, सबसे लंबे मूंछें, और दुल्हन जैसी प्रतियोगिताएं होता हैं, जो लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है.
डेजर्ट महोत्सव
डेजर्ट महोत्सव राजस्थान के जैसलमेर में मनाया जाता है. इस महोत्सव में कालबेलिया डांस, लोक गीतों और संगीत जैसे प्रदर्शन कला देखने को मिलती है. यह डेजर्ट महोत्सव 3 दिनों के लिए चलता है. यहां दुनियाभर से लोग आते हैं. रेगिस्तान महोत्सव पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. लोक नृत्य और संगीत के अलावा कई अन्य प्रतियोगिताओं भी होती हैं, जो राजस्थान की संस्कृति बदलाती है, जैसे पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता, सबसे लंबी मूछ प्रतियोगिता आदि. इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध कठपुतली शो भी होता है.
रामदेवरा मेला
राजस्थान के जैसलमेर में रामदेवरा मेला लगता है और इस छोटी सी जगह का नाम भी बाबा रामदेवरा है. इस मेले में भक्त भजन और कीर्तन के द्वारा बाबा रामदेव को
श्रद्धांजलि देते हैं. बाबा रामदेव जी की मृत्यु के बाद रामदेवरा मेला लगना शुरू हुआ था. बाबा रामदेव एक तंवर राजपूत और एक संत थे. यह मेला अगस्त से सितंबर के महीने में लगता है. रामदेवरा मेला में हजारों भक्त दूर-दूर से दर्शन करने के लिए पैदल आते हैं.
कैला देवी मेला
राजस्थान का कैला देवी मेला अप्रैल और मार्च के महीने में लगता है. यह लगभग एक पखवाड़े के लिए मनाया जाता है. यह मेला कैला गांव में कालीसिल नदी के तट पर लगता है. यहां पूरे साल भक्तों का आना-जाना लगा रहता है.
गोगाजी का मेला
राजस्थान के प्रसिद्ध मेलों में एक गोगाजी मेला भी है, जो गंगानगर के गोगा मेड़ी में लगता है. यह मेला अगस्त के महीने में लगाया जाता है. इस मेले में सांप भगवान की पूजा की जाती है और कई भक्त गोगा मेड़ी में समाधि पर श्रद्धांजलि देने आते हैं. यहां के लोगों का कहना है कि गोगा मेड़ी में सांप के काटने से अन्य बीमारियां ठीक हो जाती हैं.
मारवाड़ महोत्सव
राजस्थान में मारवाड़ महोत्सव अक्टूबर के महीने मनाया जाता है. यह महोत्सव जोधपुर में आयोजित होता है, जो यहां की कला और संस्कृति को दर्शाता है. इस महोत्सव के दौरान लोक नर्तक लड़ाई के दृश्यों को प्रदर्शित करते हैं. इसी के साथ यहां ऊंट टैटू शो और पोलो मैच भी होता है. उम्मेद भवन पैलेस उत्सव के दौरान सजा दिया जाता है.
बेणेश्वर मेला
राजस्थान के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मेलों में एक बेणेश्वर मेला है. यह मेला डूंगरपुर में शिवरात्रि पर फरवरी और मार्च के महीने में लगता है. यह मेला आदिवासी उत्सव माही और सोम नदियों के तट पर लगाया जाता है. इस मेले में गीता-पूजा, लोक गीत, पशु शो, जादू और झूलों देखने को मिलते हैं. वहीं, नागौर में यह मेला हर साल जनवरी और फरवरी में लगाया जाता है, जहां किसान अपने मवेशियों को खरीदने और बेचने के लिए आते हैं.