Happy Father's Day: मां की महिमा तो सारा जग जानता है लेकिन मैं आपको पिता के बारे में बताने जा रहा हूं. रोटी -कपड़ा और मकान से लेकर परिवार का सारा जहां है, तो वो है पिता. पिता के बिना किसी भी बच्चें का सपना अधूरा होता है. पिता है तो बाजार के सभी खिलौने अपने है. मां की ममता तो एक बार छलक कर दिख जाती है, परन्तु पिता का प्यार गूंगा होता है जिसे दुनिया कभी समझ नहीं पाई. सच ही तो कहा है किसी ने मंदिर की मुर्तियों से दुआ मांगने वालों मां-बाप से बढ़कर कोई दुआ नहीं है. पिता का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है. ये बातें पढ़ता था लेकिन एहसास तब हुआ जब पापा बना...


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फार्दस डे को मौके पर लिखी इस कहानी में कहीं ना कहीं आपकी भी पिता से जुड़ी कुछ कहानी... कुछ यादें होंगी, उसे तलाशने और उनमें डूबने की कोशिश जरूर कीजिएगा.


पापा... आज मैं बड़ा हो गया. इस मायने में कि आज आपके सामने खड़े होकर कुछ बोलने की हिम्मत जुटा लिया हूं. वरना आज भी आपके सामने खड़ा होने में डर लग रहा है. पापा... हैप्पी फार्दस डे... 


पापा से ये बात बोलकर वापस मैं अपने कमरे में आ गया. मैं कई दिन से सोच रहा हूं फिर कोई मेरी गलती पकड़ी तो नहीं गई. वैसे अब मैं बड़ा हो चुका हूं, और अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाना जानता हूं. वैसे पापा है ना जहां मुश्किलें आएगी, पापा से रिक्वेस्ट कर दूंगा. वो दूर कर देंगे. 


 बात साल 1991 की है जब मैं फर्स्ट ईयर का स्टूंडेंट था. उन दिनों मैं अपनी पढ़ाई घर से दूर किया करता था. जब मैं पहली बार घर से निकला तो पापा के पैर छुंए तो उन्होंने आशीर्वाद देने के बदले उन्होंने मेरे दोनों हाथ पकड़कर सीधे बिल्कुल स्ट्रेट खड़ा किया फिर माथे पर चुंबन किया. उस चुंबन के बाद जो बातें कही वो आज भी मेरे लिए रोड ब्रेकर साबित हो रही है. मुझे बचपन से तेज भागना पसंद है..आज भी जब तेज भागता हूं नियंत्रण बरकरार रखता हूं. इसे कैसे नियंत्रण रखना है मेरे पापा ने बखूबी सिखाया है. वैसे दौड़ लगाने में कभी मना नहीं किया,लेकिन साथ में सावधानी और अनुशासन को सर्वोपरी बताया. 


सच कहूं उस वक्त मैनें अपनी उम्र के लड़कों को नहीं देखा था कि कोई पापा अपने बच्चों को इस तरीके से प्यार जताते हुए. जब उन्होंने चुंबन लिया तो मुझे अजीब सा अहसास हुआ. वो पहली बार था, क्योंकि पहली बार पढ़ाई के लिए घर से बाहर निकल रहा था. फिर जब भी कुछ वक्त के लिए घर से बाहर निकलता था वो इसी तरह से मुझ पर प्यार लुटाते थे.


गलती को इशारों में बताने का शानदार अंदाज
एक दिन उन्होंने मुझ से अचानक कहा- तुम्हारे ओठ के नीचे ये काला निशान क्यूं है... खाने पीने पर ध्यान नहीं दे रहे हो शायद... मुझे भी समझते देर नहीं लगी.. उनका इशारों में कहना और मेरा सिर नीचे झुकना. मैं समझ तो गया था लेकिन उस वक्त मैं भी अनमने ढ़ंग से परेशानी बता दिया था. दरअसल मैं कभी -कभी स्मोकिंग कर लिया करता था. उनकी निगाह से बच पाना मुश्किल था. हालांकि उस वक्त मैं जॉब करने लगा था. फिर भी पिता तो पिता ही हैं.


सम्मान चाहते हो तो सम्मान करना सीखो- पापा की वो बातें
इस दुनिया का वसूल है कि जो आप देंगे उस से बढ़कर आपको मिलेगा चाहे वह इज्जत हो ,सम्मान हो, नफरत हो, क्रोध हो ये कई गुना बढ़कर मिलेगा. आप किसी को थोड़ी सी इज्जत दोगे तो आपको बहुत इज्जत मिलेगी. आप किसी का थोड़ा सा सम्मान करोगे तो आपको बहुत सारा सम्मान मिलेगा. जिंदगी में किसी का एहसान कभी मत भूलना. इस बात को वो बार-बार दुहराते थे.


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पापा से जब भी कभी कोई ये कहता.. जमाना बदल गया है तो कहते जमाना कहां बदला है..वही चांद- सूरज, वही दिन-रात, वही धरती-आसमां. बदल तो इंसान गया है.


आज भी हम तुम्हारे लिए जिंदा है
पापा मेरी यादों में हमेशा आप रहोगे. इतनी जल्दी चले जाओगे ये कभी सोचा नहीं था. आपकी बातें मुझे अब जीवन का ज्ञान देती हैं,मुझे माफ करना तब मैं आपकी बातें नहीं सुनता था. सच कहते थे आप.. मां-बाप कभी मरते नहीं है. वो तुम्हारे लिए उस दिन मर जाएंगे, जब तुम उनके उसूलों को मार दोगे. ये बातें याद रखना तो आज भी हम तुम्हारे लिए जिंदा है. प्रॉमिस पापा... ये आपसे वादा करता हूं पापा. हैप्पी फार्दस डे...


Report- Anuj Kumar


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