आखिर जयपुर ग्रेटर को मिल ही गया नेता प्रतिपक्ष, कहा- जनता की लड़ाई लड़ेंगे
नगर निगम ग्रेटर के वर्तमान बोर्ड गठन के 28 माह बाद कांग्रेस ने आखिर नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर दिया गया हैं. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 100 से कांग्रेस पार्षद राजीव चौधरी को नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा हैं.
नगर निगम ग्रेटर के वर्तमान बोर्ड गठन के 28 माह बाद कांग्रेस ने आखिर नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर दिया गया हैं. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 100 से कांग्रेस पार्षद राजीव चौधरी को नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा हैं. नेता प्रतिपक्ष नियुक्त होने के बाद पार्षद और नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी ने कहा कि आमजन जनसमस्याओं को लेकर परेशान है. नगर निगम में सुनवाई नहीं हो रही है. भाजपा बोर्ड की कमियों को उजागर करने के साथ आमजन को राहत पहुंचाने के कार्य प्राथमिकता से किए जाएंगे. उन्होंने महापौर पर निशाना साधते हुए कहा कि महापौर केवल घोषणाएं कर रही है. धरातल पर उनका लाभ नहीं मिल रहा है. निगम संबंधित कार्य और सेवाओं का लाभ आमजन को मिले. इसके लिए सभी को साथ लेकर प्रयास किए जाएंगे.
निगम बोर्ड की साधारण सभा जल्द हो और जनसमस्याओं पर पार्षद सदन में चर्चा करें इसके लिए भी प्रयास किया जाएगा. वार्डों में डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए हूपरों की समस्या हैं. पहली बात तो हूपर आता नहीं और आता है तो उस पर हैल्पर नहीं होता. जनता और पार्षदों की समस्याओं को लेकर लडाई लडेंगे. धरने-प्रदर्शन की जरूरत पडी तो वो भी करेंगे. दरअसल नेता प्रतिपक्ष की भूमिका पर केवल कांग्रेस बल्कि शहरवासियों के हित या अहित निर्भर है. विपक्ष जितना अधिक जनहित के मामले को लेकर सदन में तथ्य तर्कों के आधार पर चर्चा करेगा उतना ही शहर सरकार की दिशा दशा को सकारात्मक बना सकता है.
इसके लिए जरूरी है कि नेता प्रतिपक्ष को नगरीय निकाय से संबंधित सभी नियम कानून की बारिकी से जानकारी हो. उन्हें चर्चा या बहस करते समय नियम को लेकर किसी भी तरह का संदेह नहीं रहे. .साथ ही सत्ताधारी दल की बहुमत को देखते हुए उनके प्रस्ताव विरोध का मुखर होकर जवाब दे सकें. .जब तक विपक्ष किसी मुद्दे या अन्य मामले को लेकर बहस करने की क्षमता नहीं रखेगा तो नगर निगम के आलावा शहर की राजनीति में कांग्रेस की साख नहीं बन पाएगी. .क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को लेकर सदन के भीतर बाहर संघर्ष करने की क्षमता भी जरूरी है. दरअसल नगर निगम ग्रेटर में नवंबर 2020 में चुनाव हुए थे. .इस चुनाव में भाजपा का बोर्ड बना था. उसके बाद से ही नेता प्रतिपक्ष का पद खाली चल रहा था