Nahargarh Biological Park: नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में आने वाले महीनों में नई सौगात देखने को मिलेगी. बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सफारी अब लगभग बनकर तैयार है. आने वाले 2 से 3 महीने में इसे शुरू कर दिया जाएगा. यहां टाइगर सफारी में पर्यटक बाघों को खुले जंगल में दौड़ते और दहाड़ते हुए देख सकेंगे.


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नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के 32 हैक्टेयर खुले क्षेत्र में अब बाघों की दहाड़ सुनने को मिलेगी. यह दहाड़ इसलिए अलग होगी, क्योंकि यहां यहां बाघ एक एन्क्लोजर में नहीं, बल्कि लम्बे चौड़े एरिया में दौड़ते और दहाड़ते हुए नजर आएंगे. वन विभाग ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सफारी तैयार कर ली है. यहां अब वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए तिहरा आकर्षण होगा. 



दरअसल, बायोलॉजिकल पार्क में एक तरफ जहां जूलॉजिकल गार्डन में वन्यजीव प्रेमी 29 प्रजातियों के वन्यजीवों को देख सकते हैं... वहीं लॉयन सफारी में 3 शेर-शेरनियों की खुले में अठखेलियां देख पाते हैं. अब लॉयन सफारी की तरह ही यहां पर टाइगर सफारी बनाई गई है. हालांकि टाइगर सफारी में पर्यटकों और बाघ के लिए अतिरिक्त सुविधाएं जोड़ी गई हैं. वन विभाग ने एक निजी फर्म की मदद से टाइगर सफारी का काम पूरा कर लिया है. कुछ जरूरी सुधार किए जा रहे हैं, जिनके अगले एक महीने में पूरे होने की संभावना है.


क्या खास है टाइगर सफारी में ?


- बाघों के रात्रि विश्राम के लिए 10 नाइट शेल्टर बनाए गए


- 2 कराल (खुली जगह) बनाए, जहां बाघ-बाघिन घूम सकेंगे


- बाघों के खुले एरिया में पानी पीने के लिए 2 वाटर बॉडी बनाई गई


- वाटर बॉडी में बरसात का पानी प्राकृतिक तरीके से भी जमा हो सकेगा


- पानी के उचित निकास के लिए 4 रपट भी बनाई गई


- पर्यटकों के घूमने के लिए 8 की आकृति में 2 ट्रैक बनाए गए


- पर्यटक जालीयुक्त बंद बस में करीब 5 किमी लंबाई में घूम सकेंगे.


- बाघों के बैठने के लिए 2 जगह मचान नुमा आकृतियां बनाई गई.


- 3 कॉज वे और एक पाइप कल्वर्ट भी बनाई गई


- क्षेत्र में पर्याप्त घास हो, इसके लिए घास लगाने का कार्य जारी


- करीब 5 करोड़ रुपए की लागत से किया गया टाइगर सफारी कार्य


टाइगर सफारी का कार्य करने वाली फर्म ने काम लगभग पूरा कर लिया है. यहां पर नाइट शेल्टर में कुछ जरूरी सुधार किए जा रहे हैं, जिन्हें इसी माह पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि टाइगर सफारी को शुरू करने की संभावना अक्टूबर तक की है. टाइगर सफारी में पुराने प्राकृतिक पेड़-पौधे तो हैं ही, साथ ही अब नए सिरे से भी प्लांटेशन किया जा रहा है, जिससे कि बाघों को यहां पर्याप्त मात्रा में हरियाली महसूस हो सके. कार्य पूरा करने के बाद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क प्रशासन जयपुर वन्यजीव डीसीएफ के जरिए मुख्यालय को प्रस्ताव भिजवाएगा, जिसकी मंजूरी के बाद शहरवासियों को टाइगर सफारी की सौगात मिल सकेगी.