Jaipur News: असम में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हमले के मामले ने तूल पकड़ लिया है. जगह-जगह इसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा धरना दिया जा रहा है. ऐसे में अब इस पर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहना है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा ऐतिहासिक यात्रा है, लेकिन असम सरकार इसमें बाधा डाल रही है. 


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एफआईआर दर्ज करने का फैसला एसएचओ लेता है
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि एफआईआर करो, जबकि किसी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का अधिकार नहीं होता कि वह पुलिस या अधिकारी को सीधा कहे कि एफआईआर दर्ज करो. यह काम सीआरपीसी के अंतर्गत एसएचओ करता है. वही तय करता है कि जो घटना घटित हुई है, वह घटना किस रूप में हुई है, क्यों हुई है और क्या-क्या धारा लगेगी? फिर एफआईआर लॉन्च होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए, यह फैसला भी एसएचओ करता है. 



भारत जोड़ों न्याय यात्रा को रोकने का षड्यंत्र
अशोक गहलोत ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री यह निर्णय लेने लगेंगे, तो वह दुश्मनी निकालने के लिए किसी के लिए भी कह देंगे. असम सरकार ने यह बहुत गलत किया है. ऐसी हरकतें होगी, तो अन्य राज्यों में जहां नॉन बीजेपी गवर्नमेंट है और भाजपा का नेता जाएगा, तो उसके खिलाफ मुख्यमंत्री ऐसे आदेश देगा या गृहमंत्री आदेश देगा कि अब आप एफआईआर दर्ज कर दीजिए, तो आप सोच सकते हैं कि यह नई परंपरा डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह भारत जोड़ों न्याय यात्रा को रोकने का षड्यंत्र है. मैं इसकी निंदा करता हूं. गहलोत बोले कि यात्रा कामयाब रहेगी, न राहुल गांधी डरने वाले हैं, न कोई और डरेगा. इसलिए उनको तकलीफ हो रही है. 


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