Jaipur News: भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने राजस्थान सरकार पर अराजकता का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार की इन्हीं तमाम खामियों और जनता के मन में व्याप्त आक्रोश के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी ने 200 विधानसभा क्षेत्रों में जन आक्रोश यात्रा का आयोजन करने का फैसला किया. 200 रथों ने 94 हजार किलोमीटर की यात्रा की और इस दौरान 50,367 से ज्यादा नुक्कड़ और बड़ी सभाओं का आयोजन किया गया. 82 लाख 75 हजार से अधिक लोगों को हमें जन आक्रोश यात्रा से जोड़ने का अवसर प्राप्त हुआ.


75 लाख आरोप-पत्र बांटे गए 


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उन्होंने बताया कि जनता की शिकायतों को एकत्रित करने की भी व्यवस्था की गई थी, जिसके तहत दो तरह की पद्धति अपनाई गई. एक, पेटी रखी गई थी. इसमें लोगों ने लिखित शिकायतें डालीं. पेटिका में लाखों शिकायतें एकत्रित हुईं हैं. दूसरा, वेबसाइट पर लगभग तीन लाख शिकायतें अब तक दर्ज हो चुकी हैं. 75 लाख आरोप-पत्र बांटे गए और 11 लाख 87 हजार हाथ से लिखे आरोप-पत्र और शिकायतें एकत्रित की गईं.


केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अब 15 से 31 दिसंबर तक सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों के स्तर पर बड़ी जन आक्रोश सभाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें बूथ महासंपर्क अभियान भी चलेगा। पार्टी कार्यकर्ता प्रत्येक बूथ और घर-घर जाकर जन आक्रोश के संदेश को ले जाएंगे और जन भावनाओं को संकलित करने का काम करेंगे. सभाओं को राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेता संबोधित करेंगे. हर विधानसभा में 8 से 10 कार्यकर्ता, ऐसे पूरे प्रदेश में कुल 2 हजार कार्यकर्ता, रात्रि प्रवास करेंगे.


शेखावत ने बताया कि 25 दिसंबर को जब देश स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में सुशासन दिवस मना रहा होगा, तब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता प्रदेश के सभी बूथों पर प्रधानमंत्री का मन की बात कार्यक्रम भी सुनेंगे.


केन्द्र की योजनाओं को तरजीह नहीं


केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के साथ ही कई जनकल्याणकारी योजनाओं का शुभारंभ किया. जब राजस्थान में वसुंधरा राजे नेतृत्व वाली सरकार चल रही थी, तब राज्य केन्द्र की तमाम जनकल्या‍णकारी योजनाओं को लागू करने में पहले, दूसरे और तीसरे पायदान पर था, लेकिन जब वर्ष 2018 सरकार बदली तो केन्द्र की जनकल्यामणकारी योजनाएं राज्य में धीरे-धीरे पटरी से उतर गईं.


आलम यह है कि राज्य सरकार केन्द्र की जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के मामले में निचले पायदान पर है. राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना की रफ्तार काफी कमजोर हुई है. 12 में तीन जिले दौसा, झुंझनूं, राजसमंद ऐसे हैं, जिनमें शून्य काम हुआ है. केन्द्र द्वारा मांग के अनुरूप खाद्य उपलब्ध कराया गया, लेकिन राज्य में कालाबाजारी का आलम चरम पर रहा.


जल जीवन मिशन में पिछड़ा राजस्थान


केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जल जीवन मिशन को लागू करने में जहां पूरे देश में तेजी से प्रगति हो रही है, वहीं राजस्थान सरकार इस महत्वपूर्ण योजना को लागू करने में बहुत पीछे है. राजस्थान सरकार केन्द्र द्वारा दी गई धनराशि को खर्च नहीं कर पाई है. वह अपने हिस्से का भी पैसा निवेश नहीं कर पाई है. राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 125 जिले ऐसे हैं, जो 100 प्रतिशत नल से जल उपलब्ध होने की दिशा में आगे हैं, लेकिन राजस्थान का एक भी जिला और ब्लॉक इस श्रेणी में शामिल होने की स्थिति में नहीं पहुंच पाया है.


देश में जहां जल जीवन मिशन योजना की ग्रोथ 40 प्रतिशत से अधिक है, वहीं राजस्थान में केवल 20 प्रतिशत है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान सरकार इस महत्वपूर्ण योजना को लागू करने में कितनी सुस्त है.


महिलाओं से अत्याचार के 1 लाख 61 हजार मुकदमे दर्ज


केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जो राजस्थान महिलाओं के सम्मान के मामले में पूरे देश में नंबर वन पर था, आज वहां महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराध हो रहे हैं. महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के 1 लाख 61 हजार मुकदमे दर्ज हुए हैं. 27 हजार बहन-बेटियों के साथ दुष्कर्म हुआ, महिला शिक्षकों को जिंदा जला दिया गया और एम्बुलेंस में गैंगरेप होता है.


जिस राजस्थान को दुनिया रानी पद्मिनी के जौहर, हाड़ीरानी के शीशदान, गौरा और पन्नाधाय के उत्सार्ग, मीरा और कर्मा के भक्तिभाव से जानती थी, आज राजस्थान सरकार ने उन सबके सम्मान पर कालिख पोतने का काम किया है. सरकार के वरिष्ठम मंत्री विधानसभा के पटल पर कहते हैं कि राजस्थान में बलात्कार इसलिए अधिक होते हैं, क्योंकि यह मर्दों का प्रदेश है। इससे अधिक शर्मनाक और क्या हो सकता है.


तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप


केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने राजस्थान सरकार पर अपने वोटबैंक को बचाए रखने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि जिस तरह की घटना करौली में हुई. रामनवमी के जुलूस पर जिस तरह से पथराव हुआ. घटनाओं की जांच में जिस तरह से भेदभाव किया गया.


एफआईआर, गिरफ्तारी, कार्रवाई, चालान पेश करने से लेकर मुआवजा देने तक तुष्टीकरण किया गया. केन्द्रीय मंत्री ने भीलवाड़ा, जोधपुर में घटी घटनाओं के अलावा उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की नृशंस हत्या को लेकर भी राजस्थान सरकार को आड़े हाथों लिया.