Jaipur: प्रदेश में जासूसी, तस्करी, कट्टरपंथी और साम्प्रदायिक घटनाएं बढ़ी है. इन घटनाओं में हथियारों के उपयोग को लेकर राज्य सरकार चिंतित है. सरकार ने अब प्रदेश में सीआईडी जांच के बाद ही हथियार लाइसेंस देने का निर्णय लिया है. इस सम्बंध में राज्य के सभी जिला कलेक्टरों, जयपुर-जोधपुर कमिश्नर को आदेश जारी किए हैं.


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राजस्थान में बढ़ती जासूसी, तस्करी, साम्प्रदायिक, कट्टरपंथी , आतंकवादी और संदिग्ध गतिविधियों के मद्देनजर वर्ष 1995 में 11 जिलों में हथियार लाइसेंस (Arms license) देने से पहले सीआईडी रिपोर्ट (CID Report) अनिवार्य की थी. इसके लिए गृह विभाग की ओर से 20 फरवरी 1995 तथा 22 जुलाई 1995 को आदेश जारी किए गए थे. सरकार ने बॉर्डर के साथ ही साम्पदायिक दृष्टि से संवेदनशील 11 जिलों के लिए यह आदेश लागू किया था. 


इन जिलों 11 जिलों में श्रीगंगानगर (Shri Ganga Nagar News), बीकानेर (Bikaner News), बाड़मेर, जैसलमेर (Jaisalmer news), जालौर, जोधपुर (Jodhpur news), जयपुर (Jaipur News), अजमेर, कोटा, टोंक तथा हनुमानगढ़ शामिल थे. इन जिलों में तब से राज्य विशेष शाखा अर्थात सीआईडी (CID) से जांच के बाद ही हथियाल लाइसेंस स्वीकृत किए जाते हैं.


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इधर पिछले दिनों राज्य (Rajasthan News) के आधा दर्जन जिलों में हुई साम्प्रदायिक घटनाओं का विश्लेषण किया तो चौंकाने वाली और चिंताजनक जानकारी सामने आई. बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद तथा सवाई माधोपुर जिलों में हथियारों के उपयोग की बढ़ोत्तरी हुई है. इस पर डीजी इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा की ओर से राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया. इसके तहत इन 6 जिलों में भी आवेदकों को राज्य विशेष शाखा से जांच के बाद ही हथियार लाइसेंस जारी करने के आदेश की मांग की. 


सरकार ने प्रदेशभर के लिए दिए आदेश 
इंटेलीजेंस के छह जिलों में लाइसेंस के लिए सीआईडी रिपोर्ट के प्रस्ताव के मंथन के बाद राज्य सरकार ने सभी जिलों में इसे लागू कर दिया. गृह विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों, जयपुर जोधपुर कमिश्नर को आदेश जारी कर पालना के निर्देश दिए. 


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अभी यह है लाइसेंस प्रक्रिया 
प्रदेश में वर्तमान में हथियार लाइसेंस के लिए आवेदक को स्थानीय पुलिस की चरित्र सत्यापन रिपोर्ट जरूरी है. गृह विभाग ने 13 जनवरी 1996 को सर्कुलर जारी किया था. इसके तहत 11 जिलों में हथियार लाइसेंस स्वीकृत करने से पूर्व सभी श्रेणी के व्यक्तियों की चरित्र का सत्यापान के बाद राज्य विशेष शाखा से जांच रिपोर्ट प्राप्त करने के निर्देश दिए थे. 11 जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में व्यक्तियों को हथियार लाइसेंस के लिए सीआईडी रिपोर्ट लेना आवश्यक नहीं रखा गया था.