जयपुरः राजस्थान में 33769 जलाशयों से पानी के उपभोक्ताओं तक रोजाना पेयजल सप्लाई होता है. लेकिन अब उपभोक्ताओं तक पानी पहुंचने से पहले जलाशयों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग हो सकेगी.पानी की शुद्धता के लिए निरंतर कम्प्यूटरीकृत मॉनिटरिंग हो पाएगी. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने ये फैसला लिया है.विभाग के इस कदम से प्रदूषित पानी की सप्लाई की समस्या दूर होगी और शुद्ध पानी की प्रभावी मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी.


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इसके अलावा प्रदूषित पानी की समस्या को देखते हुए संबंधित जिलों की 2583 किमी से अधिक की पुरानी और क्षतिग्रस्त पाईपलाइन चिन्हित की गई है, जिसमें से 886 किमी पाईप लाईन बदलने की स्वीकृति जारी कर दी गई हैं. वहीं 1100 किमी पाईप लाइन बदलने के प्रस्ताव अतिशीघ्र तैयार किए जा रहे हैं.596 किमी पाईपलाइन बदलने के प्रस्ताव भी तैयार कर राज्य सरकार को प्रेषित किया जाएगा.एसीएस सुबोध अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को शुद्ध और गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है.  प्रदेश में 24409 भूतल जलाशय, 4415 स्वच्छ जलाशय और 4939 उच्च जलाशयों से पेयजल वितरण किया जाता है.


इन जलाशयों की नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि तय समय पर साफ-सफाई का कार्य हो सकें. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य के पांच जिलों में करीबन जयपुर में 642 किमी, कोटा में 262 किमी, भरतपुर में 206 किमी, अजमेर में 150 किमी व बूंदी में 150 किमी पुरानी, क्षतिग्रस्त पाईपलाइन चिन्हित की गई है. इसके अतिरिक्त भरतपुर में 130 किमी, कोटा में 91 किमी, बूंदी में 86 किमी, धौलपुर में 73 किमी और डूंगरपुर में 50 किमी पाईपलाइन बदली जानी है.  इसमें से 886.95 किमी पाईपलाइन बदलने की स्वीकृति जारी कर दी गई है, वहीं पर 1100.3.0 किमी पाईपलाइन बदलने के प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं.


ऐसे में देखना होगा कि जलदाय विभाग कब पानी की शुद्धता के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग शुरू करेगा,ताकि आम जनता को राहत मिल सके.


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