Magh Gupt Navratri: वैदिक हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल नवरात्र 4 बार आती है.जिसमें दो गुप्त और दो चैत्र नवरात्र होती है. इस बार गुप्त नवरात्र 22 जनवरी,रविवार से शुरु हो रहे हैं. इस दौरान 9 दिन तक मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी मां और कमला देवी मां की साधना होगी. इस बार गुप्त नवरात्रि में बना सिद्धि योग पूजा के फल को दोगुना कर देगा.


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गुप्त नवरात्रि तिथि  (Magh Gupt Navratri Tithi)
वैदिक पंचांग के अनुसार  21 जनवरी की रात से अगले दिन 22 जनवरी को रात 10 बजकर 30 तक रहेगी. गुप्त नवरात्र का आरंभ होगा. इस साल माघ शुक्ल प्रतिपदा ति​​थि 22 जनवरी को और नवमी तिथि 30 जनवरी हैं. 


गुप्त नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
गुप्त नवरात्रि की कलश स्थापना 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से  दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक होगी. ये मुहूर्त बेहद शुभ है.


इस बार  22 जनवरी को माघ गुप्त नवरा​त्रि का आरंभ सिद्धि योग में हो रहा है. वहीं सुबह 10 बजकर 07 मिनट तक वज्र योग बन रहा है. अगले दिन सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा. इस सिद्धि योग में की गयी पूजा का दो गुना फल मिलता है.


गुप्त नवरात्रि का महत्व  (Gupt Navratri Importance)
गुप्त नवरात्रि में की जानें वाली मां दुर्गा की पूजा को गुप्त रूप से की जाती है. मान्यता है इस दौरान अगर पूजा के बारे में किसी को बताया तो पूजा का कोई फल नहीं मिलता है. गुप्त नवरात्र खासतौर पर  तांत्रिक, साधक या अघोरी तंत्र-मंत्र और सिद्धि प्राप्त करने के लिए करते हैं.