Harish Choudhary Kailash Choudhary : पंजाब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने किसानों को फसल बीमा मुआवजे में मिले दो, तीन और पांच पैसे की राशि पर सवाल उठाया है. इसके साथ ही हरीश चौधरी ने कहा कि इतने कम क्लेम पर हो रही राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है. हरीश चौधरी ने केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री और बाड़मेर के सांसद कैलाश चौधरी के रवैए पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कैलाश चौधरी पूंजीपतियों को उपकृत करना और किसानों के साथ छलावा करना बंद करें.


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उन्होंने कहा कि खरीफ 2021 में हुए फसल खराबे को देखते हुए 600 करोड़ रूपये का क्लेम मिलने का अनुमान था. लेकिन केंद्र सरकार की बीमा कम्पनी ने किसानों को सिर्फ 311 करोड़ रूपये ही देकर किसानों के साथ धोखा किया है. चौधरी ने कहा कि वे किसानों के हक की लड़ाई मजबूती से लड़ेंगे और जब तक किसानों के हक का पैसा नहीं मिलेगा तब तक उनके साथ खड़े रहेंगे.


दरअसल, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल खराब होने या उसे नुकसान पहुंचने पर बीमा कवर मिलता है. लेकिन बीमा किसान की फसल सिर्फ प्राकृतिक कारणों से बर्बाद होने पर ही मिलता है, इसके लिए फसल खराबे के बाद सबसे पहले 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को इस बारे में सूचित करना होता है. सूचना मिलने के बाद बीमा कंपनी के अधिकारी खेतों का मुआयना करते हैं. वो ये देखते हैं कि फसल कितनी खराब हुई है यानी वो आकलन करके रिपोर्ट तैयार करके बीमा कंपनी को सौंपते हैं. इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद किसानों को मुआवजा दे दिया जाता है. मुआवजा बीमा और बर्बादी के हिसाब से दिया जाता है यानी पैसे इसी हिसाब से मिलते हैं.


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