Jaipur: हाईकोर्ट (High court) में सोमवार को जयपुर मेटल्स कंपनी (Jaipur Metals Company) से जुड़े प्रार्थी एलक्मिस्ट एसेट री-कन्स्ट्रक्शन कंपनी (Almist Asset Re-Construction Company) से राज्य सरकार द्वारा करीब 300 करोड़ रुपए की रिकवरी (Recovery) करने के मामले में पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री पी.चिदम्बरम (Former Union Home Minister P.Chidambaram)ने पैरवी की। हाईकोर्ट ने कंपनी और राज्य सरकार की दलीलों को सुनने के बाद प्रार्थी कंपनी से की जाने वाली रिकवरी पर रोक लगा दी.


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चिदंबरम की ओर से अदालत में कहा गया कि, राज्य सरकार ने प्रार्थी कंपनी पर दो नोटिस के जरिए साल 1994-95 से करीब 300 करोड़ रुपए की स्टाम्प ड्यूटी बकाया निकाली गई है. जबकि प्रार्थी कंपनी इस मामले में साल 2009-2010 में आई है और पिछली बकाया राशि का भुगतान करने के लिए वह जवाबदेह नहीं है. राज्य सरकार के स्टाम्प एक्ट में ही गड़बड़ी है. इसलिए प्रार्थी कंपनी से की जाने वाली रिकवरी पर रोक लगाई जाए. इसके जवाब में राज्य के एएजी आरपी सिंह (
AAG RP Singh) ने कहा कि, सरकार के ऊपर कोई लिमिटेशन लागू नहीं है और वह कभी भी बकाया राशि की रिकवरी निकाल सकती है. जिस पर सीजे अकील कुरैशी (CJ Aqeel Qureshi) की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर प्रार्थी कंपनी से रिकवरी पर रोक लगा दी. अब हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई 27 जनवरी 2022 को होगी.


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आपकों बता दें कि, यह मामला एनसीएलटी (National Company Law Tribunal) की जयपुर बेंच भी लंबित चल रहा है. कंपनी ने एनसीएलटी में राज्य सरकार से कंपनी का चार्ज एनसीएलटी के प्रतिनिधि को दिलवाये जाने का आग्रह किया है. एनसीएलटी में मामले की सुनवाई 17 और 19 जनवरी 2022 को होगी.


Report: Mahesh Pareek