Jaipur News: राजधानी जयपुर के सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र के तीन वार्डों में आज दिवाली जैसा माहौल नजर आया. कॉलोनियों के घरों की छतों से गुजर रही हाइटेंशन लाइनों की हाई-टेंशन अब कम होगी. बिजली निगम ने खूनी हाईटेंशन की लाइनों को अंडरग्राउंड करने की शुरूआत कर मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कॉलोनी के लोगों को बड़ा तोहफा दिया. वार्ड नंबर 47, 48 और 51 के वार्डवासियों की 20 सालों बाद आज मुराद पूरी हुई.


खूनी हाईटेंशन की लाइन होंगे अंडरग्राउंड 



60 करोड़ रूपए की लागत से होगी अंडरग्राउंड  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यदि सबकुछ और समय पर हुआ तो इस दिवाली सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर 47, 48 और 51 के करीब साढे पांच किलोमीटर परिधी में रहने वाले वार्डवासी अपने घर की छत पर दीएं जला सकेंगे. पूरा देश अपने घर की छतों पर दिए जलाकर दीवाली मनाते थे, लेकिन शहर के बीचों-बीच सिविल लाइन क्षेत्र के गोविंदपुरी, रामनगर विस्तार और सोडाला क्षेत्र के लोग मौत के डर से 20 साल से अपने घर की छत पर नहीं जाते थे. इसके बावजूद इन 20 सालों में दो दर्जन से ज्यादा लोगों को बिजली की हाईटेंशन लाइनों ने परिजनों से छीन लिया. इतने ही लोग दिव्यांग हो गए, जिनमें बच्चे, जवान, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं.


इन खूनी हाईटेंशन लाइनों को हटवाने के लोगों ने सरकारों तक दरवाजा खटखटाया आखिर सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र से विधायक और मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने वार्डवासियों के दर्द को समझा और इस दर्द पर महरम लगाते हुए मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने तीन वार्डो में घरों के ऊपर से होकर गुजर रही तीनों हाईटेंशन लाइनों को भूमिगत कराने के कार्य का शुभारंभ किया. खाचरियावास ने कहा की हाइटेंशन लाइनों को अंडरग्राउंड करने के लिए जेडीए इसकी राशि विद्युत विभाग को दे रहा है. अभी पहली किश्त में 34 करोड रूपए दिए गए हैं. उन्होंने बताया की पिछले कई सालों से हाईटेंशन लाइन लोगों के लिए आफत बनी हुई थी.


 हाईटेंशन लाइन लोगों के लिए आफत


कई लोग करंट की चपेट में आने से जान गंवा चुके तो कुछ लोगों को जिंदगी भर का दर्द मिला. कई युवक बच्चे भी करंट के कारण झुलसे. हाइटेंशन लाइन के भूमिगत होने के बाद क्षेत्र की करीब 30 हजार से अधिक की आबादी को बड़ी समस्या से निजात मिलेगी. रामनगर संयुक्त विकास समिति के अध्यक्ष उदयभान सिंह चौहान ने बताया कि सरकार ने क्षेत्र की बड़ी समस्या को समझा और आज इसके समाधान की शुरुआत हो गई है. इस हाईटेंशन लाइन की वजह से कई दुर्घटनाए हो चुकी है. अब रामनगर क्षेत्र के लोग अपने को सुरक्षित महसूस करेंगे.


तीन वार्डों में कॉलोनीवासियों की होगी “हाई-टेंशन” खत्म


1-वार्ड नंबर 47, 48 और 51 के लोगों के लिए आज दिवाली जैसा दिन
2-साढे पांच किलोमीटर परिधी में रहने वाले लोगों की “हाई-टेंशन” खत्म
3-करीब 60 करोड रूपए खर्च कर हाईटेंशन लाइनें होगी अंडरग्राउंड
4- जेडीए ने विद्युत विभाग को लाइनें अंडरग्राउंड करने के लिए 34 करोड
5- लोगों के घरों की छत से निकलने वाले हाईटेंशन तार हट जाएंगे और जानलेवा दुर्घटनाएं नहीं होंगी
6- हाईटेंशन लाइन हटने के बाद लोग बहुमंजिला इमारतें बना सकेंगे। शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल बनने के रास्ते भी साफ होंगे
7. करंट के तारों से बंदरों पर चिपकने की वजह से बड़े पैमाने पर फॉल्ट होते थे जो अब बंद हो जाएंगे
8. हाईटेंशन लाइन से दूसरे उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति हो सकेगी
9-अब तक हाईटेंशन लाइन होने के कारण कोई मकान नहीं खरीदता था, आधी कीमत पर कोई तैयार होता था
10-लेकिन अब हाइटेंशन लाइन हटने के बाद मकानों की कीमत पूरी मिलेगी, साथ में खतरा खत्म होगा
11- नियमन भी हो सकेगा, लोगों को अपने मकानों के पट्टे भी मिल सकेंगे


इसलिए खतरा अधिक


- 23 से 35 मीटर की दूरी से भी झुलसने का डर
- टूट कर गिरे तो दूर-दूर तक तबाही
- जमीन पर गिरने से दरार और करंट प्रवाह
- पतंग के मांझे से करंट का प्रवाह


लोगों को ये होंगे फायदे


कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा की इन क्षेत्रों में घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से लोग डरे हुए रहते थे. क्षेत्र पॉश इलाके में आने के बाद भी बड़ी समस्या से डर रहा था. अब तीनों हाईटेंशन लाइनों को भूमिगत कराने के काम का शुभारंभ हुआ तो घर-घर लोगों में खुशी की लहर है. अब उम्मीद है कि जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा. वहीं अब यहां का नियमन भी हो सकेगा, लोगों को अपने मकानों के पट्टे भी मिल सकेंगे.


छत पर चढ़ने की आजादी


दरअसल राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण कंपनी अन्य बिजली कंपनियां इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट- 1936 टेलीग्राफ एक्ट- 1985 के हाईटेंशन लो-टेंशन लाइन खींचती है. नियमों में बिजली कंपनी 27 मीटर चौड़ाई में राइट ऑफ वे घोषित कर देती है. इसका मुआवजा भी नहीं मिलता और स्थिति राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज नहीं होती है. केवल लाइन के नीचे भवन आने पर नाममात्र मुआवजा देकर लाइन खींच दी जाती है.


बिजली प्रसारण कंपनी ग्रिड सब-स्टेशन या बिजली घर तक हाइटेंशन लाइन खींचने के लिए पहले गूगल मैप में आउटलाइन ड्रा करती है. इसके बाद दो से चार सर्वे करवाती है. सर्वे में लाइन खींचने की बात गुप्त रखी जाती है, ताकि विरोध नहीं हो. उसके बाद खंभे का फाउंडेशन तैयार करवाकर लाइन खींच देती है. लाइन खींचने के दौरान फसल खराब होती है तो सरपंच, पटवारी ग्राम सेवक से मुआवजे की राशि तय करते हैं.


ये भी पढ़ें- Jaipur: प्रतापसिंह खाचरियावास का बड़ा बयान, बोले- बिना 'मेयर' नगर निगम हैरिटेज में अच्छा काम हो रहा

बहरहाल,अब हाईटेंशन लाइनों को अंडरग्राउंड होने के बाद मकान मालिकों को अपने घरों की छत पर चढ़ने की आजादी फिर मिल सकेगी. हाइटेंशन लाइन के नीचे और आसपास जो भूखण्ड सालों से खाली पड़े हैं वहां अब आशियाना तैयार हो सकेगा. दूसरी मंजिल पर निर्माण भी हो सकेगा. गर्मी के मौसम में छत पर सोने, घूमने और पतंगबाजी करने में करंट की चपेट में आने का भय खत्म होगा.