28 से आन्दोलन की राह पर होमगार्ड जवान, सरकार से आर-पार की लड़ाई का ऐलान
नियमित रोजगार, नवीनीकरण बंद करने और अन्य सुविधाओं की मांग पर राज्य के होमगार्ड जवान 28 दिसम्बर से आंदोलन की राह पर चलेंगे. सरकारी आश्वासनों से नाराज होमगार्ड ने इस बार आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है.
जयपुर: राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि समय रहते मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन को तेज किया जाएगा. राठौड़ ने कहा कि होमगार्ड जवान काफी लम्बे समय से नियमित रोजगार की मांग करते आ रहे हैं. होमगार्ड जवानों को यदि जयपुर जिले को छोड़ दे इसके अलावा राजस्थान के अन्य जिलों में वर्ष भर में मात्र 3 से 4 माह ही ड्यूटियां मिल पा रही है. ऐसी स्थिति में होमगार्ड जवान अपने परिवार का पालन पोषण नहीं कर पा रहें हैं.
होमगार्ड जवानों को आवश्यक ड्यूटियों के नाम पर बीच बीच में पाबंद कर बुला लिया जाता है, जिससे वो अपने स्वरोजगार से भी वंचित हो जाते हैं. विभाग की ओर से होमगार्ड जवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. होमगार्ड जवानों ने राजस्थान के लगभग सभी विधायकों को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा बताई जिसमे से लगभग 90 विधायक, मंत्रियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को होमगार्ड रूल्स एक्ट 1962-63 में संशोधन कर नियमितीकरण करने के लिए पत्र लिखा. इसके बाद भी आज तक होमगार्ड जवानों की पीड़ा पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया.
यह भी पढ़ें: मंत्री महेश जोशी और रामलाल जाट ने इंदिरा रसोई में खाया खाना, भोजन की गुणवत्ता को सराहा
घोषणा करके रोजगार नहीं दिया
राठौड़ ने पत्रकारों से कहा कि पिछले बजट 2022 में मुख्यमंत्री ने 12000 हजार होमगार्ड जवानों को कानून व्यवस्था व सरकारी कार्यालयों में लगाने की घोषणा भी की थी, लेकिन आज तक वो भी लागू नहीं की गई. सरकार के 4 वर्ष बीत चुके परन्तु सरकार ने होमगार्डों के हित में एक भी कदम नहीं उठाया ना ही इन 4 वर्षों में होमगार्ड के मानदेय-वेतन में बढ़ोत्तरी की न ही पूरा रोजगार दिया.
सत्ता में आने से पूर्व हमसे नियमितीकरण करने का वादा भी किया था, इससे होमगार्ड जवान हतोत्साहित हैं और अपने भविष्य को लेकर निराश है. वर्तमान में होमगार्ड जवानों को नजरंदाज किया जा रहा है, सरकार हमारी मांगो को विभाग को भेजते हैं और विभाग का जवाब नियमो में प्रावधान नहीं है होता है, जबकि हमारी मांग ही नियमों में संशोधन की है. इस पर निर्णय सरकार को लेना होगा.
राठौड़ ने कहा कि होमगार्ड जवानों ने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया पर, जवानों को कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिला. इससे आक्रोशित प्रदेश भर से जवान 28 दिसम्बर जयपुर शहीद स्मारक पर इकट्ठा होकर धरना प्रदर्शन व् आन्दोलन करेंगे.इस पर भी जल्द ही मांगो का निराकरण नहीं किया तो उग्र आन्दोलन की घोषणा की जाएगी अब ये आर या पार की लड़ाई होगी.
ये हैं प्रमुख मांगें
- मुख्यमंत्री की बजट घोषणा को लागू करते हुए होमगार्ड जवानों को 12 महीने नियमित ड्यूटी दी जाए.
- होमगार्ड में नवीनकरण प्रथा को बंद किया जाए, राज्य में सरकार ने 58 वर्ष तक सेवा के आदेश जारी कर दिए हैं.
- होमगार्ड जवानों को ईटएसआई और पीएफ की सुविधा दी जाए.
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करते हुए दूसरे राज्यों की भांति राजस्थान में भी होमगार्ड के लिए महंगाई भत्ता लागू किया जाए.