राजस्थान : इस किले के 60 ट्रक खजाने तक कैसे पहुंची थी भारतीय सेना, इंदिरा गांधी तक किसने पहुंचाया राज
Jaigarh Fort Jaipur story : जयपुर के जयगढ़ किले और आमेर किले में साल 1976 में हुई रेड पूरे देश में चर्चित हुई थी. लोगों का कहना है कि उस समय पूरे किले में भारतीय सेना ने इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी के निर्देशों किले की खुदाई की थी. आखिर आमेर किले और जयगढ़ किले में इतना खज़ाना कहां से आया था. इंदिरा गांधी और भारत सरकार को इस खज़ाने का पता कैसे चला.
Jaipur, Rajasthan : ये बात आपातकाल के समय की है. तब इंदिरा गांधी सरकार अपने हर फैसले को पूरी ताकत के साथ लागू करवा रही थी. सत्ता की कमान उनके बेटे संजय गांधी के हाथों में थी. इसी बीच जयपुर के बाहरी इलाके में आमेर के जयगढ़ किले को सेना ने घेर लिया. करीब एक सप्ताह तक यहां कर्फ्यू जैसे हालात रहे. किसी को भी किले के करीब जाने की अनुमति नहीं थी. लोग बताते है कि किले की 7 दिनों तक खुदाई हुई. उसके बाद में इसमें जो खजाना मिला. उसे भारतीय सेना के ट्रकों में भरकर दिल्ली ले जाया गया. वहां से एक विमान में लादकर विदेश भेजा गया.
जयगढ़ किले का शाही खजाना
भारत सरकार ने आज तक इस बारे में कभी कोई बात नहीं कही है लेकिन माना जाता है कि जयपुर के जयगढ़ किले से करीब 60 ट्रक सोने चांदी के जेवरात और सोने की सिल्लियां मिली थी. करीब तीन दिन तक दिल्ली जयपुर हाईवे को ब्लॉक कर दिया था. इस हाईवे पर सिर्फ सेना के ट्रक चलते थे.
कहां से आया था खजाना
आमेर किला और जयगढ़ किला सुरंग से आपस में मिले हुए थे. विभाजन के बाद आमेर किला भारत सरकार ने अपने अधीन ले लिया. जयगढ़ किला राजपरिवार के पास ही रहा. बताया जाता है कि इस खजाने की हकीकत 500 साल पिछे के इतिहास में छिपी है. मुगल शासक अकबर के राज में आमेर राजा मानसिंह को अफगानिस्तान में होने वाले विद्रोह को दबाने के लिए भेजा था. मानसिंह विद्रोह को दबाने में कामयाब रहे. राजपूत सेना ने वहां जो खजाना लूटा. वो मुगल दरबार तक नहीं पहुंचाया गया. उसे मानसिंह ने आमेर में ही छिपा लिया. तभी से ये खजाना यहीं छिपा हुआ था.
इंदिरा गांधी को कैसे पता चला
एक किताल लिखी गई थी. जिसका नाम था हफ्त तिलिस्मात ए आंबेरी. हिंदी मतलब- आमेर के 7 खजानों का रहस्य. फारसी भाषा में लिखी गई इस पुस्तक में बताया गया था कि आमेर में 7 तालाबों के नीचे 7 खजाने छिपे हुए है. मुगलों ने भी इन खजानों का पता लगाने की पूरी कोशिश की. अंग्रेजों का राज आया तो उन्होनें भी कोशिश की. लेकिन ये खजाना कभी नहीं मिला. उसके बाद आपातकाल के समय भारत सरकार ने फिर से ये प्रयास शुरू किए.
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इंदिरा गांधी के दौर में 10 जून 1976 को जयगढ़ फोर्ट पर रेड डाली गई. इसमें भारतीय सेना, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और राजस्थान पुलिस शामिल थे. 7 दिन तक यहां कर्फ्यू जैसे हालात रहे. जयपुर शहर में ये बात फैल गई कि संजय गांधी के आदेश पर यहां खजाना ढ़ूंढ़ा जा रहा है. जयगढ़ किले पर छापा इसलिए पड़ा क्योंकि वो सुरंग के जरिए आमेर किले से जुड़ा है. 7 दिन तक पूरे किले को खोदकर तहस नहस कर दिया था.